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ईद पर डॉ आरिफ ने निभाया सामाजिक सरोकार


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सरदारशहर।

भारतवर्ष में अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं। और हर त्योहार का एक अलग ही महत्व होता है। होली, दीपावली, ईद, बकरीद बड़े तुम्हारे के रूप में जाने जाते हैं। आज ईद का त्योहार है। हर बार ईद का त्यौहार गरीब हो चाहे अमीर सबके लिए खुशियां लेकर आता है। लेकिन इस बार गरीबों के लिए ईद का त्यौहार कोई महत्व नहीं रखता। क्योंकि पिछले 3 महीने से मजदूरी करने वाले लोग अपने घरों में ही रहे रहे हैं जिसके चलते यह लोग ना तो अपने बच्चों को अच्छे कपड़े दिला पाए और ना ही बाजारों से अन्य खरीदारी कर पाए। जिसके चलते इन परिवारों के लिए ईद के त्यौहार की कोई रौनक नहीं देखी जा रही है।


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ऐसे ही परिवारों के लिए मुस्लिम परिषद के जिलाध्यक्ष मकबूल खान की प्रेरणा से शहर के अर्जुन क्लब हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ मोहम्मद आरिफ मसीहा बनकर आ गया है डॉ आरिफ रमजान के महीने में रोजे रखकर ड्यूटी करते थे कड़ी धूप में भी घर घर जाकर स्क्रीनिंग का कार्य करते थे लोक डाउन में 120 जरूरतमंद परिवारों तक राशन किट पहुंचाने का कार्य भी इन्होंने किया है। अब ईद का त्यौहार है डॉक्टर आरिफ ने बताया कि इस बार लोकडाउन के चलते कुछ ऐसे परिवार हैं जिनके बच्चे भी ईद मनाना चाहते हैं हर त्यौहार बच्चों से शुरू होता है बच्चे भी अपने घरवालों से टकटकी लगाए बैठे हैं कि उनके लिए भी नए कपड़े और मिठाइयां आएगी लेकिन कोरोना की मार झेल रहे यह परिवार अपने बच्चों की ख्वाहिश पूरी नहीं कर सकते जिसको देखते हुए डॉक्टर आरिफ ने इन बच्चों के लिए कपड़े और मिठाइयां बांटने का निर्णय लिया स्थानीय मौलवी को साथ लेकर उन जरूरतमंदों के बच्चों तक कपड़े और मिठाइयां पहुंचाई छोटे-छोटे बच्चों के पास जब यह कपड़े और मिठाइयां पहुंची तो उनका चेहरा देखने लायक था कपड़े और मिठाइयां पाकर बच्चे खुश नजर आ रहे थे


डॉ आरिफ ने घर घर जाकर बच्चों को मास्क पहनाये और कपड़े और मिठाईयां बांटी। स्थानीय मौलवी ने बताया कि सभी को घरों में रहकर ही नमाज पढ़ने के लिए कहा गया है उन्होंने बताया कि इस ईद पर नमाज अदा करते वक्त यही दुआ मांगी जाएगी कि यह वैश्विक महामारी जल्द से जल्द समाप्त हो जाए और आने वाला हर त्यौहार सब एक साथ मिलकर मनाएं।


कुलदीप राव (ब्रह्मभटृ)

सरदारशहर, चूरू।

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