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डेपसोंग क्षैत्र में भारत ने बख्तरबंद रेजीमेंट तैनात की



भारत ने चीन के दुस्साहस को रोकने के लिए दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और डेपसांग सेक्टरों में 15,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. सूत्रों ने आजतक को बताया कि चीनी सेना पर नजर रखने के लिए मैदानी और आस-पास के क्षेत्र से कई बख्तरबंद रेजिमेंटों को स्थानांतरित कर दिया गया है.


बख्तरबंद रेजिमेंट केके पास से Def song तक के क्षेत्र में फैले हुए हैं, जहां पर बख्तरबंद वाहनों की तैनाती और लड़ाई के लिए पर्याप्त गुंजाइश और जगह है. सूत्रों ने कहा कि डेपसांग के मैदानों में संभावित युद्ध क्षेत्र में जितने हथियारों की व्यवस्था की गई है, वो चीनी सेना द्वारा किसी भी संभावित दुस्साहस का जवाब देने के लिए के लिए पर्याप्त है.


चीनी सेना द्वारा पीपी-10 में आने वाले भारतीय सैनिकों को पीपी -13 में ब्लॉक करने के लिए गश्त भेजने के बाद भारी तैनाती धीरे-धीरे डीबीओ और डेपसांग क्षेत्र में स्थिति को मजबूत करने के अनुरूप की गई है. यह क्षेत्र गलवान घाटी से सटा हुआ है और पूर्वी लद्दाख को लेह से जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर Durbuk-Shyok-दौलत बेग ओल्डी सड़क से जुड़ा हुआ है.


सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी पाकिस्तान और चीन के बीच उसी क्षेत्र में संभावित मिलीभगत को लेकर चेतावनी दी थी. फिलहाल भारत ने कुल मिलाकर इससे अधिक तैनाती की है. इस साल मई से चल रहे एलएसी पर तनातनी को लेकर पूर्वी लद्दाख में 35,000 अतिरिक्त सैनिक हैं.

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