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एमबीएस अस्पताल से तीन चिकित्सकों को ड्यूटी से हटाया


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कोटा।  एमबीएस अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिलने और बेटों के सामने स्ट्रेचर पर मां के दम तोडऩे का मामला सामने आने के बाद रविवार को तीन चिकित्सकों को फिलहाल ड्यूटी से हटा दिया। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने सीएमओ डॉ. लोकेश सुवालका, रेजिडेंट डॉ. प्रवीण और डॉ. जसराज को कोरोना ओपीडी की ड्यूटी से हटा दिया। वहीं ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर मरीजों को पहले एमबीएस में भर्ती कर उपचार शुरू करने और बाद में नए अस्पताल में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए हैं। इससे पहले रविवार को हाड़ौती विकास मोर्चा एमबीएस अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही को लेकर लामबंद हो गया। मोर्चा के संभाग अध्यक्ष राजेंद्र सांखला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना से मुलाकात की। इसके बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. सक्सेना ने उपअधीक्षक डॉ. समीर टंडन, डॉ. आरजी मीना, एसोसिएट प्रो. डॉ. श्याम बिहारी मीना, नर्सिंग अधीक्षक ओमप्रकाश और वाहन प्रभारी रमेश मीणा की एक जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगी। गौरतलब है कि एमबीएस अस्पताल के रैन बसेरे में संचालित ओपीडी के बाहर शनिवार को एम्बुलेंस के अभाव में बुजुर्ग महिला शारदा देवी ने अपने दोनों बेटों के सामने दम तोड़ दिया था। घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो- प्राचार्य-राजेंद्र सांखला ने इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना से भी बातचीत की। प्राचार्य डॉ. सरदाना ने भी इस घटना को लेकर दोपहर 2 बजे एमबीएस अस्पताल में अधीक्षक व अन्य कार्मिकों के साथ बैठक की। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो और घटना के लिए दोषी कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। एंबुलेंस सेवा में हुआ परिवर्तन-रैफ र होने वाले मरीजों की व्यवस्था व एंबुलेंस सेवा में भी तत्काल प्रभाव से परिवर्तन किया गया। इसकी मॉनिटरिंग के लिए अलग से कार्मिकों को भी नियुक्त किया गया। अब एमबीएस से नए अस्पताल रैफर होने वाले मरीजों को तत्काल एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी।

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