top of page

भूख से परेशान हजारों की संख्या में बिहार और पश्चिम बंगाल निवासी मजदूर सडक पर उतरे


ree

जयपुर,11 मई(हि.स.)। शास्त्री नगर थाना इलाके में स्थित नाहरी का नाका में सोमवार दोपहर उस समय ?हडकंम मच गया जब हजारों की संख्या में बिहार और पश्चिम बंगाल निवासी मजदूर घरों से बाहर निकल सड़क पर आ गए। मजदूरों में आक्रोश था कि उनके पास काम भी नहीं और घर में खाने को दाना भी नहीं है। ऊपर से मकान मालिक किराया मांग रहे हैं। लॉक डाउन में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी प्रशासन उन्हें घर नहीं भेज रहा है। दोपहर को देखते ही देखते नाहरी का नाका की सड़क महिला, पुरुष और बच्चों से भर गई। घर जाने की उम्मीद में मजदूर शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिग) की पालना करना भी भूल गए। बड़ी संख्या में मजूदरों के चेहरे पर मास्क भी नहीं था। मजदूरों की संख्या के आगे यहां तैनात करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। पुलिस कर्मियों की सूचना पर पुलिस अधिकारी अतिरिक्त बल के साथ मौके पर पहुंचे।  यहां बड़ी संख्या में मजदूर रोड पर लगे बेरिकेड्स को तोड़ मुख्य मार्ग पर निकल आए। तभी पुलिस ने लाठी चार्ज कर मजदूरों को वापस नाहरी का नाका क्षेत्र में खदेड़ दिया। पुलिस अधिकारियों ने मजदूरों को आश्वासन दिया और कहा कि एक दो दिन में ट्रेन की व्यवस्था करवाकर उन्हें उनके घर भिजवा दिया जाएगा।लाठी चार्ज में कुछ मजदूर घायल भी हो गए। पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर राजीव पचार ने बताया कि भूख से परेशान हजारों की संख्या में बिहार और पश्चिम बंगाल निवासी मजदूर झोटवाडा रोड नाहरी का नाका पर लगे  बेरिकेड्स को तोड़ मुख्य मार्ग पर आए। वहीं कोरोना वायरस को लेकर शारीरिक दूरी बनाने के दिशा निर्देश के बावजूद नाहरी का नाका में मजदूर ने करीब एक डेढ़ घंटे तक सारे नियमों को ताक में रख दिया।  पुलिस प्रशासन को मजदूरों को घरों में वापस भेजने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होने बताया कि मजदूरों की मांग है कि उनको घर भेज दिया जाए और आटा की जगह उन्हें चावल दिए जाएं। चावल उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन से बात हो गई। जबकि निजी वाहन का कोई पास लेकर आ रहा है, उसे जाने की अनुमति दे रहे हैं। अन्य मजदूरों के लिए ट्रेन की व्यवस्था करवाने के लिए बातचीत चल रही है।

Comments


  • WhatsApp-icon
  • Wix Facebook page
  • Wix Twitter page
  • Wix Google+ page
Copyright Information
© copyrights reserved to "dainik desh ki dharti"
bottom of page