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लॉकडाउन से फीकी हुई ज्वेलरी उद्योग की चमक, सवा दो सौ करोड़ का नुकसान


उदयपुर. लॉकडाउन के कारण जहां एक ओर ज्वेलरी व्यवसाय को करारी चपत लगी है, वहीं इस उद्योग से जुड़े कारीगरों की हालत भी खराब है। मार्च से ही शोरूम और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें बंद हो गई थी, जिससे ज्वैलरी मेकिंग में लगे कामगारों से लेकर पूरा ज्वेलरी सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सर्राफा व्यवसायियों के अनुसार, लॉकडाउन के दौर में उदयपुर के ज्वेलरी व्यवसाय को करीब सवा दो सौ करोड़ का नुकसान पहुंचा है। इसकी भरपाई आने वाले महीनों में शायद ही हो पाएगी। वहीं, व्यवसाय से जुड़े कई बंगाली कारीगर घर जा चुके हैं तो कई जो यही हैं उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है।

लॉकडाउन में दुकानें बंद, खर्चे चालू सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष यशवंत आंचलिया ने बताया कि 20 मार्च से ही दुकानें बंद कर दी गई थी। तब से लेकर पूरे लॉकडाउन में सवा दो सौ करोड़ का नुकसान हो चुका है। बड़े शोरूम्स हों या छोटे व्यवसायी सभी प्रभावित हुए हैं। व्यवसायियों ने गोल्ड लोन ले रखे हैं, उनकी किस्तें भर रहे हैं, कारीगरों को सैलेरी दे रहे हैं। ऐसे में खर्चे वैसे के वैसे हैं। शहर में करीब 2 हजार से अधिक बंगाली कारीगर हैं, जो कुछ अपने घर लौट चुके हैं तो कुछ यहीं रुके हैं, ऐसे में उनकी मदद भी सर्राफा एसोसिएशन कर रहा है। आने वाले 6 महीनों में भी उद्योग के पटरी पर लौटने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

अक्षय तृतीया और शादी सीजन पर फिरा पानी

ज्वेलरी व्यवसायी मोहन माखीजा के अनुसार, दो-तीन महीने में 50-60 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। अक्षय तृतीया और शादी के सीजन में आभूषण कारोबारियों को काफी उम्मीदें रहती हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से 0 परसेंट व्यापार भी नहीं हुआ। अब इस आर्थिक संकट से सर्राफा कारोबारियों का एकदम दोबारा खड़ा होना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। इतना ही नहीं व्यवसाय से जुड़े कारीगर भी नए रोजगार की तलाश में हैं।

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