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लोकडाउन की सबसे बड़ी तकलीफ़ गरीबों को प्रधानमंत्री ने माना



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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश की जनता के साथ मन की बात कार्यक्रम के जरिए जुड़े। इसमें उन्होंने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए लॉकडाउन को उचित बताया। उन्होंने प्रवासी मजदूर वर्ग की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में कोई भी ऐसा नहीं है जिसे कठिनाई न हुई हो, लेकिन इस संकट की सबसे बड़ी चोट मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती है। हम में से कौन होगा जो उनके और उनके परिवारों की पीड़ा का अनुभव न कर सका हो। हम सब मिल कर इस तकलीफ और पीड़ा को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।

पीएम ने देशवासियों के संकल्प की तारीफ करते हुए कहा, "देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है। जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं तो हमें अनुभव होता है कि वास्तव में भारतवासियों की उपलब्धि कितनी बड़ी है। हमारी जनसंख्या ज्यादातर देशों से कई गुना है। हमारे देश में चुनौतियां भी अलग-अलग हैं। फिर भी कोरोना हमारे देश में उतना तेजी से नहीं फैला, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला।"

पीएम ने आगे कहा, "कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है। लेकिन जो नुकसान हुआ उसका हमें दुख है। हम जो कुछ भी बचा पाए, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है। इतने बड़े देश में हर-एक देशवासी ने खुद इस लड़ाई को लड़ने की ठानी है। ये पूरी मुहिम पीपुल ड्रिवेन है।"

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