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सोनिया गांधी पर टिप्पणी का मामला /वकील की दलील- मुवक्किल के खिलाफ दायर एफआईआर पर ठीक से जांच नहीं की



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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई हुई। अर्णब ने याचिका में मुंबई में 2 मई को दायर नई एफआईआर को खारिज करने की मांग की है। अर्णब की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ दायर एफआईआर पर ठीक से जांच नहीं की गई।

अर्णब पर पालघर मॉब लिंचिंग मामले में सोनिया गांधी के खिलाफ टिप्पणी कर उनकी मानहानि करने का आरोप है। अर्णब के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में शिकायतें दर्ज हुई थीं।

अर्णब ने सोनिया के खिलाफ क्या कहा था? महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो संतों और उनके ड्राइवर की हत्या के मामले में अर्णब ने 16 अप्रैल को टीवी शो में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन से कहा था कि अगर किसी पादरी की हत्या होती तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई इटली वाली’ सोनिया गांधी बिलकुल चुप नहीं रहतीं। अर्णब ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी तो खुश हैं। वे इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहां पर मैंने सरकार बनाई है, वहां पर हिंदू संतों को मरवा रही हूं। वहां से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गांधी ने अच्छा किया। इन लोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिंदू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।’’

पुलिस पूछताछ के बाद अर्णब ने कहा कि मैंने पुलिस के सामने अपना पक्ष रखा, पुलिस इससे संतुष्ट थी। तथ्य और सबूत पेश कर दिए हैं, हकीकत सामने आ जाएगी। हम पर कोई दबाव नहीं है।

अर्णब की गिरफ्तारी पर 3 हफ्ते की रोक शीर्ष अदालत 24 अप्रैल को अर्णब की गिरफ्तारी पर 3 हफ्ते की रोक लगाई थी। उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी मामले दर्ज हुए हैं।

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