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क्या राम मंदिर शिलान्यास का मुहूर्त शुभ नहीं है


ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के लिए पांच अगस्त के मुहूर्त पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कोई कार्य उत्तम काल खंड में शुरू किया जाता है। पांच अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है।


उन्होंने कहा कि विष्णु धर्म शास्त्र के अनुसार, भाद्रपद मास में किया गया शुभारंभ विनाश का कारण होता है। दैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ में कहा गया है कि भाद्रपद में किया गया गृहारंभ निर्धनता लाता है।


वास्तु प्रदीप भी यही कहता है। वास्तु राजबल्लभ के अनुसार, भाद्रपद का आरंभ शून्य फल देता है। शंकराचार्य ने कहा कि अभिजित मुहूर्त होने के कारण इसे शुभ मुहूर्त मानना भी सही नहीं है। मुहूर्त चिंतामणि के विवाह प्रकरण में बुधवार को अभिजित निषिद्ध है। कर्क के सूर्य में रहने तक सिर्फ श्रवण मास में शिलान्यास हो सकता है, भाद्रपद में नहीं।

विद्वानों के अनुसार चातुर्मास में शुभ मुहूर्त का संयोग नहीं बन रहा है। सोशल मीडिया पर भी कई ज्योतिषाचार्यों ने विविध पंचांगों का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति जताई है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद


भूमि पूजन जब होगा, वही शुभ दिन और मंगल मुहूर्त बन जाएगा

काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि हरिशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी के बीच विवाह आदि मंगल कार्य करने का निषेध है, लेकिन पूजन आदि धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं है। श्रीरामचरितमानस के एक प्रसंग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब राजा दशरथ भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के लिए महर्षि वशिष्ठ से शुभ मुहूर्त निकालने को कहते हैं, तब ज्योतिष शास्त्र के अष्टादश प्रवर्तकों में प्रमुख महर्षि वशिष्ठ कहते हैं बेगि बिलंबु न करिअ नृप साजिअ सबुइ समाज। सुदिन सुमंगलु तबहिं जब रामु होहिं जुबराज।।


अर्थात, जब श्रीराम राज्याभिषेक कराना चाहेंगे, वही समय और दिन शुभ और मंगल होगा। इस दृष्टि से श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन जब किया जाएगा, वही शुभ दिन और मंगल मुहूर्त बन जाएगा।


परम कल्याणकारी होगा अभिजीत मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं. दीपक मालवीय के अनुसार, पांच अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष द्वितीया अभिजित मुहूर्त में शिलान्यास का समय सुनिश्चित किया गया है। भूमि पूजन प्रात: घनिष्ठा नक्षत्र में आरंभ होगा और समापन शतभिषा नक्षत्र में होगा। अभिजित मुहूर्त में भूमि पूजन परम कल्याणकारी होगा। यह 15 मुहूर्तों में आठवें स्थान पर आता है।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 28 नक्षत्र अभिजित हैं जो सभी कार्यों के लिए शुभ माने गए हैं। पांच अगस्त को भाद्रपद मास में सिंह राशि में सूर्य रहेंगे, जिससे यह मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। घनिष्ठा नक्षत्र का संबंध भूमि से है और इसके स्वामी मंगल हैं। इसी नक्षत्र में भूमि पूजन आरंभ होगा। वसु इसके देवता हैं जो भगवान विष्णु और इंद्र के रक्षक हैं। इसलिए यह समय भूमि पूजन के लिए सर्वथा उपयुक्त है। पांच अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग भी प्राप्त हो रहा है।

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