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बेकार पड़े बैंक खातों से आपको होता है कितना नुकसान, तुरंत करा लें बंद


नौकरी बदलने पर या किसी दूसरे शहर में ट्रांसफर होने के बाद भी लोग आमतौर पर बैंक खाता को वैसे ही छोड़ देते हैं। ऐसी लापरवाही आपकी जेब हल्की कर सकती है। सामान्यत: सैलरी खाता शून्य बैलेंस वाला होता है जिसमें न्यूनतम बैंलैंस रखना जरूरी नहीं होता है। लेकिन नौकरी बदलने के बाद सैलरी खाता तीन माह बाद बचत खाता की श्रेणी में आ जाता है। इसके बाद उसमें न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर हर माह 100 रुपये से लेकर 700 रुपये तक शुल्क बैंक वसूलते हैं।

इसके अलावा बैंक डेबिट कार्ड का सालाना शुल्क भी वसूलते हैं। इतना ही नहीं आयकर रिटर्न भरते समय अब सभी खातों की जानकारी देनी होती है जो परेशानी का सबब है। ऐसे में बेकार पड़े बैंक खाता को बंद कराना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।. बंद कराने पर कब नहीं लगता शुल्क बचत खाता शुरू कराने के 14 दिनों के भीतर उसे बंद करवाने पर सामान्यतः बैंक कोई शुल्क नहीं लेते हैं। जबकि 14 दिन से लेकर एक साल की अवधि के दौरान खाता बंद करवाने पर आपको शुल्क देना पड़ सकता है। वहीं एक साल से अधिक पुराने खाते को बंद करवाने पर बैंक आम तौर पर कोई शुल्क नहीं लेते हैं। आपको अपने खाता को बंद कराने के लिए ब्रांच में जाना होगा। यहां आपको अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म के साथ ही आपको डी-लिंकिंग फॉर्म भी सब्मिट करना होता है। साथ ही आपको अपनी चेक बुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भी बैंक में जमा कराना होती है।

कितना शुल्क वसूलते हैं बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक 700 रुपये तक हर महीने वसूल करते हैं। इसके अलावा  60 रुपये तिमाही शुल्क एसएमएस सुविधा के नाम पर देना पड़ता है। 1000 रुपये सालाना शुल्क डेबिट कार्ड और अन्य सुविधा के लिए देना होता है।

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