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गृह मंत्री की बंगाल में वर्चुअल रैली


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  • गृह मंत्री की बंगाल में वर्चुअल रैली / शाह बोले- ममता दीदी ने श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस नाम दिया, यह उनके बंगाल से बाहर जाने वाली एक्सप्रेस साबित होगी

  • शाह ने कहा- भले ही भाजपा को देश भर में 300 से ज्यादा सीटें मिली हैं, लेकिन हमारे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए बंगाल की 18 सीटें अहम

  • ‘2014 से राज्य में परिवर्तन के लिए 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई, उनका त्याग ‘सोनार बांग्ला’ बनाने में काम आएगा’

  • ‘हम ऐसे दल नहीं हैं, जो 10-10 साल तक सत्ता बैठे रहे और बाद में दूसरे पर आरोप लगाएं, हमारा परिवर्तन लाने में भरोसा’

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में वर्चुअल (ऑनलाइन) रैली की। करीब 70 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि सरकार ने मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं। इन ट्रेनों को ममता दीदी ने कोरोना एक्सप्रेस बताया। यही ट्रेनें उनके बंगाल से बाहर जाने वाली एक्सप्रेस बन जाएंगी। 

भाजपा के फेसबुक और ट्विटर पेज पर इस रैली का सीधा प्रसारण भी हुआ। शाह ने रविवार को बिहार में और सोमवार को ओडिशा में वर्चुअल रैली की थी।  भाजपा ने ममता के 9 साल के कार्यकाल पर पिछले हफ्ते 9 बिंदुओं का आरोपपत्र जारी किया था। पार्टी ने सोशल मीडिया पर ‘आर नोई ममता’ (ममता का शासन अब और नहीं) अभियान भी चलाया है।

शाह के भाषण की अहम बातें

बंगाल की धरती में कई महापुरुषों की धरती इस भूमि में रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर जैसे अनेकानेक लोगों ने भारतीय लोगों को भारतीय संस्कृति को दुनिया में फैलाने का काम किया है। मैं बंगभूमि पर जन्मे सभी महान लोगों को प्रणाम करता हूं। कोविड और अम्फान के कारण जिन लोगों की जान गई है, उनकी आत्मा की चीर शांति के लिए मैं प्रभु से कामना करता है। 2014 से बंगाल के अंदर परिवर्तन के लिए 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई, उन सभी के परिवार को सलाम करना चाहता हूं। आपका त्याग सोनार बंगला के निर्माण में काम आएगा। जब कभी बंगाल का इतिहास लिखा जाएगा तो आपके परिवार के त्याग और बलिदान को याद किया जाएगा। 


बंगाल हमारे लिए अहम देश में 75 रैलियों के जरिए हमने देश की जनता और लोगों से संपर्क करने का अभियान चलाया है। इसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा। भले ही भाजपा को देश भर में 300 से ज्यादा सीटें मिली हैं, लेकिन हमारे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए बंगाल की 18 सीटें अहम है। हम बंगाल में सिर्फ राजनीतिक अभियान चलाने के लिए नहीं आए। हम यहां पर सोनार बंगाल बनाने के लिए आए हैं। हम ऐसे दल नहीं हैं, जो 10-10 साल तक सत्ता बैठे रहे और बाद में दूसरे पर आरोप लगाएं। हम सत्ता मिलने पर परिवर्तन लाने में विश्वास करते हैं।


राहुल गांधी को सब वक्र ही नजर आता है नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने और और 2019 में फिर से बहुमत लेकर प्रधानमंत्री बने। इन 6 साल में हमारा स्केल और स्किल दोनों बढ़ी है। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने अपने पहले ही संबोधन में कहा था कि यह पूर्ण बहुमत की सरकार गरीबों, पिछड़ों और दलितों की सरकार होगी। भाजपा ने 60 करोड़ गरीबों के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है। ऐसे लोगों के परिवार में बैंक अकाउंट पहुंचाने का काम किया, जिनके घर में बैंक अकाउंट नहीं थे। 31 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए। बहुत सारे नेताओं ने टिप्पणी की। राहुल बाबा ने भी टिप्पणी मुझे याद है। मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि जिसकी दृष्टि वक्र होती है, उसे सब कुछ वक्र ही नजर आता है। 


उपलब्धियां भी गिनाईं भारत एक साथ 100 उपग्रह छोड़ने वाला पहला राष्ट्र बना। 30 राज्यों में जीएसटी एक साथ लाकर दुनिया का सबसे बड़ा बिक्री सुधार लागू किया गया। उड़ी और पुलवामा का हमला हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक किया। इससे दुनिया में आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का संदेश दिया।

देश के सभी लोग चाहते थे कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाया जाए। मोदी जी ने 2019 में संसद में विधेयक पारित कराया और आज कश्मीर भारत का मुकुटमणि बना हुआ है। देश के सभी लोग चाहते थे कि जहां पर भगवान का जन्म हुआ वहां मंदिर बने। मोदी जी की सरकार आई। कोर्ट के सामने सशक्त दलीलें दी गईं। 

ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर कोई भी बात नहीं करना चाहता था। सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानों के मामले में आदेश दिया था। कोई भी इसमें हाथ नहीं डालना चाहता था लेकिन मोदी जी की सरकार आई तो ट्रिपल तलाक को हटाया गया। इसी तरह सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए का मुद्दा था। पिछली सरकारों ने तुष्टिकरण के लिए इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया।


जनता ममता को राजनीतिक शरणार्थी बना देगी मैंने ममता दीदी का चेहरा उस दिन देखा था, जिस दिन सीएए लागू हुआ था। वे गुस्से से लाल हो गई थीं। किसी का नाम लेने का भी होश नहीं था। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि मतुआ समुदाय ने आपका क्या बिगाड़ा है। दलितों ने आपका क्या बिगाड़ा है। बंगाल से आए शरणार्थियों ने आपका क्या बिगाड़ा है। आप सीएए का विरोध कर रही हैं। आप याद रखिएगा कि जब मतपेटियां खुलेंगी तो यहां की जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बना देगी। 

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