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बसों के इंतजार में भूखे प्यासे भटकते रहे श्रमिक


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अलवर:- कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक फंसे हुए हैं। लॉकडाउन में सबसे बुरी हालत प्रवासी मजदूरों की है, जिनके पास रहने और खाने का कोई ठिकाना नहीं है,कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए देशभर में लागू लॉक डाउन के बीच प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुक्रवार को भी जारी रहा। अलवर बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में इन श्रमिकों के पहुंचने का क्रम जारी है। साथ ही इन लोगों को वापस भेजने की व्यवस्थाएं भी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। उत्तर प्रदेश,बिहार,मुरादाबाद सहित प्रदेश के अन्य जिलों से आए श्रमिक बड़ी संख्या में काम करते है। लॉक डाउन के दौरान लगातार काम बंद रहने के कारण बेरोजगार हुए इन श्रमिकों ने कुछ दिन तो जैसे-तैसे कर निकाल लिए। हालांकि शहर की विभिन्न संव्यसेवी संस्थाएं इनके लिए भोजन का प्रबंध करने में पूरी तत्परता के साथ जुटी है। इसके बावजूद इन श्रमिकों में कोरोना में भय व्याप्त हो गया और इन लोगों ने गुरुवार सुबह से पलायन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में महिला व पुरुष अपने बच्चों को लेकर पैदल ही अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए। इसके बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने आनन-फानन में इन श्रमिकों को रोडवेज बसों में भेजने का निर्णय कर व्यवस्थाएं बनाने का आदेश जारी किया। आज सुबह से एक बार फिर श्रमिकों का रैला रोडवेज बस स्टैंड की तरफ उमड़ पड़ा। शहर के प्रत्येक मार्ग पर ये श्रमिक अपना सामान सिर पर लादे गुजरते नजर आ रहे है जिला प्रशासन भी पहले की अपेक्षा काफी सजग नजर आया। मजदूरों की सूची अनुसार उन्हें बसों में बिठाकर उनके राज्यों और उसके बाद उनके जिलों के लिए रवाना किया जा रहा है*

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