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किसानों, छोटे व्यापारियों, लघु उद्यमियों को सशक्त करें बैंकः बिरला


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कोटा । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने के लिए बैंकों को किसानों, छोटे व्यापारियों, लघु उद्यमियों समेत हर वर्ग को ऋण के माघ्यम से सशक्त बनाने के लिए आगे आना होगा।

बैंकों की ऋण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की धुरी किसान के आसपास घूमती है। हमें किसानों को सक्षम बनाने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में किसान क्रेडिट कार्ड बनाने होंगे। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक संयुक्त केसीसी मेलों का आयोजन करें।


मुद्रा ऋण को प्रोत्साहित करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि बैंक छोटे एवं मझोले ऋणों का एनपीए होने के डर को निकालें। यदि हम छोटे व्यापारी को 50 हजार से 1 लाख का ऋण भी देते हैं तो वह स्वयं का रोजगार प्रारंभ कर पहले बैंक के लोन को चुकता करेगा। बैठक में विधायक मदन दिलावर, पूर्व विधायक हीरालाल नागर, बैंक आॅफ बड़ौदा क्षेत्रीय प्रबंधक आलोक सिंघल, सीबीआई से क्षेत्रीय प्रबंधक तरसेम सिंह, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक अभिषेक सिंह तथा पंजाब नेशनल बैंक मुख्य प्रबंधक उपस्थित रहे।


एमएसएमई लोन प्रक्रिया को बनाएं लचीला


बिरला ने कहा कि एमएसएमई देश में सर्वाधिक रोजगार उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों में से एक है। आत्मनिर्भर भारत में भी एमएसएमई पर विशेष बल दिया गया है। एमएसएमई तेजी से फल-फूल कर अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न कर सकें, इसके लिए बैंकों को ऋण जारी करने की प्रक्रिया में लचीलापन भी लाना होगा।


फुटकर विक्रेताओं को दें 10 हजार का ऋण


लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत फुटकर विक्रेता, फेरी वालों, ठेले, रेहड़ी व अन्य छोटे माध्यम से रोजगार करने वालों की सहायता के लिए 10 हजार रूपए के ऋण का प्रावधान किया है। बैंक ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें ऋण जारी करें।


काॅम्प्रीहेंसिव बीमा पर करेंगे उच्चाधिकारियों से चर्चा


बैठक के दौरान बैंक अधिकारियों ने कहा कि कई बार किसान ऋण लेते समय एक फसल का उल्लेख करता है, लेकिन बुआई व अन्य फसल की कर देता है। ऐसे में खराबा होने पर उसे फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाता। आवेदन के समय किसान को यदि दो-तीन फसलों को उल्लेखित करने का विकल्प मिले या फसल बीमा के दौरान क्षेत्र में होने वाली फसलों के आधार पर पूरे क्षेत्र का काॅम्प्रीहेंसिव बीमा किया जाए तो किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने आश्वस्त किया वे इस बारे में उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे।


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