आठ दिन के मासूम के जीवन को बचाने के लिए डोनेट की एसडीपी
- pradeep jain
- May 20, 2020
- 2 min read

कोटा.
टीम जीवनदाता और लायंस क्लब कोटा टेक्नों लॉक डाउन के दौरान एक-एक यूनिट रक्त के महत्व को समझकर दिन-रात मेहनत कर मोबाइल वेन से रक्तदान शिविर का आयोजन कर थैलेसैमिक बच्चें व जरूरतमंदों की मदद का प्रयास कर रही है। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब कोटा टेक्नों के अध्यक्ष भुवनेश गुप्ता ने बताया कि मंगलवार रात को रक्तदान शिविर के दौरान ही एक आठ दिन की मासूम को धीरेंद्र पोरवाल ने एसडीपी डोनेट कर उसकी जान बचाई गई। उसके बाद परिजनों ने कहा कि ऐसी सेवा का ऋण जीवनभर नहीं चुकाया जा सकता। गुप्ता ने बताया कि देर शाम दादाबाड़ी में रक्तदान शिविर चल रहा था तभी एसडीपी के लिए मोदी ग्रुप के चेयरमैन सुशील मोदी का कॉल आया। शिविर की जिम्मेदारी अपने मनीष माहेश्वरी व साथियों को सौंप कर गुप्ता व साथी गगन मिश्रा ने निजी अस्पताल में भर्ती मासूम की जान बचाने के लिए कई लोगों को एसडीपी के लिए फोन किया। लेकिन लॉक डाउन के चलते दो लोगों ने आने को मना कर दिया और दो लोग रिजेक्ट कर दिए गए। लेकिन उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे और उनके ही रिश्तदार को कॉल कर बुलाया और रात करीब 12 बजे एसडीपी पूर्ण कराकर ही उन्होंने राहत महसूस की।
टीम जीवनदाता के जुनून से ही संभव हो सकी एसडीपी
गुप्ता ने बताया कि निजी अस्पताल में भर्ती 8 दिन की बेबी आॅफ मीनू की स्थिति ठीक नहीं थी। नवजात के पेट में ब्लीडिंग हो रही थी, प्लेटलेटस कम होती जा रही थी, धीरे-धीरे सांस लेने में परेशानी आ रही थी। चिकित्सकों के अनुसार उसकी स्थिति गंभीर होने लगी। नवजात को वेंटीलेटर सपोर्ट देना पड़ा। बेटी के पिता डॉ. गिरीश परमार राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर है। उन्होंने भी अपने स्तर पर एसडीपी के प्रयास के लिए कई जगह फोन किया। लेकिन व्यवस्था नहीं हुई थी।
Comments