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लोकतंत्र बचाने के लिए करोड़ों लोगों ने लिया संकल्प - गहलोत


जयपुर, 27 जुलाई । राजस्थान का सियासी संकट सोमवार को 18वें दिन भी जारी रहा। बाड़ेबंदी के बीच निजी होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में सोनियां गांधी और राहुल गांधी को राजस्थान की लड़ाई को राष्ट्रीय रूप देने के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए कांग्रेस का दो दिन का कार्यकम सफल रहा। करोड़ों लोगों ने डेमोक्रेसी को बचाने के लिए संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आज जो तमाशा चल रहा है वो 70 साल में कभी नहीं हुआ। उन्होंने राज्यपाल का जो पत्र आया है उसका जवाब तैयार हो रहा है। हम सब सलाह करके तय करेंगे कि आगे हमारी अप्रोच किस रूप में हो। इतना स्पष्ट कानून है कि जब कैबिनेट रिकमंड करेगी, गवर्नर को फाइल जाती है और साइन होकर आती है और आज तक का अनुभव भी यही कहता है। गहलोत ने विधायकों को कहा कि जैसे कोरोना से लडऩे वाले कोरोना वॉरियर्स कहलाते हैं, ठीक उसी तरह डेमोक्रेसी के अंदर आप लोग डेमोक्रेसी वॉरियर्स के रूप में हो। उन्होंने कहा है कि हमारे 19 साथी जो चले गए हैं, उन्होंने गलती कर दी है तो वो कांग्रेस अध्यक्ष और माफी मांगें। वहां रिसॉर्ट में रह रहे हैं, वहां पर धरना देकर कांग्रेस आलाकमान को ज्ञापन देना चाहिए कि हमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों से शिकायत है। हमारी मांगें ये हैं, ये तो परंपरा रही है। इसको कहते हैं डीसेंट, भई आप असंतुष्ट हो, ये असंतुष्ट नहीं हैं, ये रिवॉल्ट है क्योंकि आप बीजेपी के हाथों में खेल रहे हो।उन्होंने कहा कि बागी विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए दिल्ली की सल्तनत की देखरेख में पूरा खेल खेला गया है। इस रूप में वो लोग देर कर रहे हैं, डिले कर रहे हैं, डिले कितना कर पाएंगे वो मालूम पड़ेगा। पायलट पर निशाने साधते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पार्टी का मुखिया होकर अपनी सरकार को वो टॉपल करवाए, ऐसा उदाहरण देश की राजनीति में मुश्किल से मिलता होगा। कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमेन रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुछ बातें बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। पहला राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाने से इनकार नहीं कर सकते हैं। यह इस देश का संविधान है और वो इनकार कर भी नहीं रहे हैं, वो टालमटोल कर रहे हैं। संविधान उनको भी मालूम हैए और उस संविधान पर सुप्रीम कोर्ट के अनेकों निर्णय आ चुके हैं, विधानसभा सत्र बुलाने और विधानसभा सत्र खत्म करने और विधानसभा का एजेंडा निर्धारित करने पर। राज्यपाल महोदय का कोई अधिकार नहीं जो मंत्रिमंडल कहेगा, उनको करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो चर्चा की, शायद पहली बार आपने सुना होगा कि उन 19 साथियों में से तीन साथियों ने पुन: संपर्क आपसे कर लिया है, मुझे कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है और अगर वो वापस आना चाहते हैं तीन साथी, तो कोई दिक्कत नहीं है, तीन साथी आ जाएं, ऐसे में हमें भी क्या ऐतराज़ है और आपका भी उदार हृदय है, आपसे भी अनुरोध कर लेंगे, अनुमति ले लेंगे कि उनको आपके परिवार में शामिल होने दिया जाए, ये जितनी देर करेंगे, जो सोचते हैं कि आपका परिवार टूटेगा, मुझे लगता है कि वहां का परिवार यहां जुड़ेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दो बातें हैं स्पष्टए एक तो सबसे पहले कि हम न्याय के साथ खड़े हैं, न्याय की लड़ाई सच्चाई की लड़ाई है। इसमें कहीं पर भी किसी को भी शक नहीं होना चाहिए और इस लड़ाई के अंदर जनता की आवाज हमारे साथ है, इस बात पर भी कोई शक नहीं होना चाहिए। एआईसीसी महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने सभी विधायकों के मध्य राष्ट्रपति को भेजे जाने वाले ज्ञापन के प्रस्ताव का वाचन किया।

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