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सीएम गहलोत बोले- कोरोना का खतरा अभी टला नहीं, विकट हो सकती है स्थिति


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जयपुर। प्रदेश में सोमवार से होटल, मॉल, रेस्टोरेंट्स और क्लब खुल सकेंगे। धर्म स्थलों को खोलने पर फैसला कलेक्टरों की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों के बाद होगा। कमेटी में पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही सभी धर्मों के धर्मगुरू, जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों के मुख्य महंत, ट्रस्टी एवं व्यवस्थापक सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने सभी धर्म के गुरुओं, संत महंतों, धर्म स्थलों एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले जैसे ही सामने आए, राज्य सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए धर्म गुरुओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों सहित सभी वर्गों को साथ लिया। इस कारण राजस्थान में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में रही। पूरे देश में इसकी सराहना हो रही है। उन्होंने धर्मगुरुओं से कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार आगे स्थिति विकट हो सकती है। ऐसे में धर्म स्थलों को फिर से खोले जाने में सभी के सुझाव महत्वपूर्ण हैं। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन 5.0 ( Lockdown 5.0 ) के क्रियान्वयन आदेश में संशोधन किया है। कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी सरकार ने जिलों में धर्म स्थलों को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्णय किया है। यह कमेटी धार्मिक स्थलों की स्थिति, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन सहित अन्य हेल्प प्रोटोकॉल के साथ संक्रमण से बचाव के विभिन्न उपायों पर विमर्श करेगी और धर्म स्थलों को लेकर सुझाव देगी। अभी यह रहेंगे बंद धार्मिक स्थल, स्विमिंग पूल, राजनीतिक धार्मिक व सामाजिक आयोजन, शैक्षणिक संस्थाओं सहित अन्य कुछ गतिविधियों पर पाबंदी है। वहीं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ( Dr Raghu Sharma ) ने कहा कि संकट की इस घड़ी को राज्य सरकार ने एक अवसर के रूप में लेते हुए प्रदेश में चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की पहल की है। मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने कहा कि धर्म स्थलों को खोले जाने पर संक्रमण से बचाव को लेकर व्यवस्था, भीड़ के नियंत्रण तथा हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना जैसे विषयों पर सुझावों के आधार पर ही उचित निर्णय लिया जा सकेगा।

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