आत्मनिर्भर भारत का मतलब लोगों को भगवान भरोसे छोड़ना नहीं होता
- pradeep jain

- May 16, 2020
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नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.)।प्रवासीश्रमिकों की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार केआत्मनिर्भर भारत अभियान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि गरीब-मजबूर जनता कोबेसहारा और असहाय भगवान भरोसे छोड़ देना आत्मनिर्भर नहीं बल्कि असंवेदनशील भारत कीस्थिति को दर्शाता है।
मनीषतिवारी ने रविवार को केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंनेट्वीट कर कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का अर्थ होता है कि सरकार समाज के
आखिरी पंक्ति मे खड़े अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाते हुए उसकी जरूरतों कोध्यान रखे। लेकिन शायद मोदी सरकार के लिए आत्मनिर्भर भारत का मतलब गरीब व मजबूरजनता को भगवान भरोसे छोड़ देना है। अगर लोग तमाम दिक्कतों के बाद भी बच जाते हैंतो फिर उन्हें सरकारी मुफ्त अनाज की योजना के लाभ से नवाजा दिया जाएगा। कहां कि सरकार की मंशा के अनुरूप तो इसे आत्मनिर्भर नहीं बल्कि असंवेदनशील
भारत कहा जाना बेहतर होगा।
वहींकांग्रेस पार्टी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है प्रवासी मजदूरों कीमदद को लेकर सरकार सिर्फ दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत में उसकी कोशिशें कम ही
दिख रही हैं। पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि अपने गृह राज्य जाने वालों कीस्थिति बद से बदतर है और सरकार है कि सिर्फ बेहतर देखभाल के दावे कर रही है। अगरवाकई केंद्र की मोदी सरकार को प्रवासी श्रमिकों की चिंता होती तो वो सुधारात्मककार्रवाई के संकेत दिखते हुए मदद के हाथ बढ़ाते लेकिन ऐसा होता कहीं नहीं दिखता,जो शर्म की बात है























































































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