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परदेसी पावणों की आमद ने गांवों तक पहुंचाया कोरोना


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जयपुर, 16 मई (हि.स.)। पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ में कुछ समय पहले तक कोरोना का कोहराम शहरी क्षेत्रों तक सिमटा था, लेकिन परदेसी पावणों की आमद से अब मारवाड़ के गांवों में भी कोराना की दहशत बढ़ गई हैं। राजस्थान के 33 में से 29 जिलों में कोरोना अब गांवों तक प्रवेश कर चुका है, जबकि 4 जिलों में अभी तक प्रवासियों के कारण कोरोना नहीं फैल पाया है। कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां प्रवासियों के कारण केवल इक्का-दुक्का कोरोना रोगी ही बढ़ पाए हैं। बरसों से दक्षिण राज्यों समेत मुम्बई, पूना, बंगलुरु, सूरत में रहने वाले प्रवासी कोरोनाकाल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अपने घर-अपनी मातृभूमि मारवाड़ की तरफ लौट रहे हैं। इससे मारवाड़ के जालोर, सिरोही और पाली जैसे ग्रीन जोन वाले जिलों में भी कोरोना के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। कोरोना से गांवों में दहशत का माहौल बन गया है। सामुदायिक संक्रमण रोकने के पूरे प्रयासो के बावजूद कोरोना का दायरा बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में शनिवार सवेरे तक 350 प्रवासियों में कोरोना के संक्रमण का पता चल चुका है। प्रवासियों की वजह से कोरोना फैलने का सबसे बड़ा उदाहरण जालोर जिला है। यह जिला कुछ दिनों पहले तक ग्रीन जोन में था, लेकिन यहां जैसे ही प्रवासियों की आमद हुई कोरोना रोगियों का आंकड़ा 69 हो गया। इनमें से भी 63 संक्रमित प्रवासी है। इसके बाद पाली के 113 संक्रमितों में से 37 प्रवासी है। इसी तरह राजसमंद व डूंगरपुर में 28-28, सिरोही में 24, जोधपुर व अजमेर में 19-19, चूरू में 17, नागौर व सीकर में 16-16, बाड़मेर में 15, जैसलमेर में 12, झुंझुनूं व उदयपुर में 10 प्रवासियों में संक्रमण का पता चल चुका है। इसके अलावा अलवर, बारां, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौडगढ़़, दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़ व टोंक जिले में प्रवासियों के कारण संक्रमण का दायरा बढ़ चुका है। प्रदेश में 4 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक प्रवासियों के कारण संक्रमण नहीं बढ़ा है। इनमें सवाईमाधोपुर, कोटा, करौली, जयपुर शामिल है। आने वाले दिनों में अधिक संख्या में प्रवासी अपने घर लौटेंगे। ऐसे में इन्हें एकांतवास करने और इनकी मॉनिटरिंग करने में प्रशासन को दिक्कत आ सकती है। एक साथ इतने लोगों की सैंपलिंग और जांच करवाना भी चुनौती होगी। एक आकलन के अनुसार अब तक पाली में 95 हजार, जालोर में 1 लाख 60 हजार तथा सिरोही जिले में 45 हजार प्रवासी घरों को लौट चुके हैं।

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