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कोरोना से युद्ध: भारतीय कारोबारी ने बनाया एंटी वायरल कपड़ा

  • एंटी वायरस कपड़े को सरकार ने किया प्रमाणित

  • कपड़ों को 50 बार से ज्यादा कर सकते हैं प्रयोग


दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया है. हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी हैं तो वहीं लाखों संक्रमित लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मगर कोरोना का सही तोड़ अभी तक किसी देश के पास नहीं है.


इस बीच गुजरात की आर्थिक राजधानी और टेक्सटाइल नगरी सूरत में अब किसी भी वायरस से निपटने के लिए एंटी वायरस और एंटी-बैक्टीरियल कपड़ा तैयार हो रहा है. इस कपड़े को किसी भी रूप में पहना जा सकता है साथ ही ये कपड़ा व्यक्ति को किसी भी वायरस से बचा सकता है.


सूरत में गोकुल टेक्सटाइल नाम की कंपनी ने कोरोना काल के इस समय में लोगों को बचाने के लिए कोरोना का तोड़ निकाला है. वह ऐसा कपड़ा बना रहे हैं जो न सिर्फ कोरोना वायरस से बल्कि भविष्य में भी अन्य किसी भी तरह के वायरस से लोगों को बचा सकता है. सुभाष धवन का कहना है कि उनके इस कपड़े को सरकार प्रमाणित लेब ने एंटी वायरस और एंटी-बैक्टीरियल कपड़े के रूप में प्रमाणित किया है.

कपड़ा कारोबारी सुभाष धवन ने इस एंटी वायरस और एंटी-बैक्टीरियल कपड़े का निर्माण किया है. सुभाष धवन सूरत में गोकुल टेक्सटाइल के नाम से देश और दुनिया में कपड़े का कारोबार करते हैं. धवन मूलतः बिहार में रहने वाले हैं. साल 1993 में जब वो सूरत आए तो उन्होंने कपड़े के कारोबार से अपना नाता जोड़ लिया था, तब से लेकर अब तक वो कपड़े के कारोबार से जुड़े हुए हैं.

कपड़ा कारोबारी सुभाष धवन अपनी फैक्ट्री में एंटी वायरस और एंटी-बैक्टीरियल कपड़ा को स्पनिंग, बुनाई, डाइंग और प्रिंटिंग कर कई प्रकार के गारमेंट तैयार कर रहे हैं. इस गारमेंट को कोई भी महिला या पुरुष अपने-अपने तरीक़े से हमेशा पहन सकता है.

एंटी वायरस और एंटी-बैक्टीरियल कपड़े देश में पहली बार सूरत में बनाए जा रहे हैं, जिसे पुरुष पैंट-शर्ट और महिलाएं कुर्ती और साड़ियों के जरिए विविध डिज़ाइन के रूप में पहन सकती हैं. इस कपड़े का फाइबर भी भारत में ही तैयार हुआ है और इसका बाकि प्रोसेस सूरत में पूरा होता है. इस कपड़े के फाइबर को तैयार करने वाले किरण पांड्या का कहना है कि इस कपड़े को 50 बार तक आप प्रयोग करेंगे तो भी ये कपड़ा अपना काम करेगा और ये भारत में काफी कारगर साबित होगा.


एंटी वायरस और एंटी-बैक्टीरियल कपड़े बनाने में किस तरह के केमिकल का उपयोग हो रहा है. इस बारे में जानकारी देते हुए टेक्सटाइल केमिस्ट प्रफुल मातरे ने बताया कि इसमें कुछ नैनो टेक्नोलॉजी के प्रोडक्ट है. सरफेस कोटिंग, स्प्रे कोटिंग, पैड ऐप्लिकेशन या एग्जॉस्ट का प्रयोग किया जा रहा है.

टेक्स्टाइल केमिस्ट प्रफुल मातरे ने आगे बताया कि सूरत में तैयार होने वाले कपड़े देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भेजे जाते हैं. अब ये एंटी वायरल और एंटी-बैक्टीरियल कपड़े भी देश और दुनिया में भेजे, जाएंगे जो इंसानों के लिए काफ़ी कारगर साबित होंगे.

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