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बारां ने जीती कोरोना से जंग


बारां। जिले ने कोरोना से जंग जीत ली है। आमापुरा कोविड केयर सेंटर में भर्ती अंतिम मरीज को शनिवार सुबह स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। सभी स्वास्यकर्मियों ने स्वस्थ्य हुए व्यक्ति को तालियां बजाकर विदा किया। जिले में एंट्री के 53 दिन में कोरोना वायरस से बारां ने रिकवरी कर ली है। कुल 62 केस आए जिनमें से 4 मरीजों की मृत्यु हो गई। वहीं 58 रिकवर होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। बारां का कोरोना से रिकवरी रेट 93.54 फीसदी पहुंच गया है। अब कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मास्क, सोशल डिस्टेसिंग और सैनिटाईजेशन के साथ कारोबार, दफ्तर, परिवहन, फैक्ट्री, ट्रांसपोर्ट आदि गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं।

29 अप्रैल को जिले में पहला मामला सामने आया था

कोरोना पर लोगों ने जीत दर्ज की है, इसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ की भूमिका मुख्य रही है। जिले में 29 अप्रैल को कोरोना की एंट्री हुई थी। श्योपुर से लौटी भंवरगढ़ निवासी बालिका का मामला पॉजिटिव आया था। इसके बाद एक-एक करके कोरोना पॉजिटिव के मामले बढ़ते गए। पूरे मई महीने में कोरोना का ग्राफ बढ़कर 42 पर पहुंच गया। वहीं जून में भी 20 केस सामने आने से यह बढ़कर 62 तक पहुंच गए। इसमें 30 मई को बुजुर्ग, 2 जून को बुजुर्ग महिला, 6 जून को किशोर और 11 जून को युवक की मृत्यु हो गई थी।

फिर 18 दिन बाद ही रिकवरी शुरू हो गई

जिले में कोरोना ने प्रवेश के 18 दिन बाद 16 मई से रिकवरी होना शुरू हो गया। मई में कुल 3 केस पॉजिटिव से नेगेटिव में आने से लोगों की उम्मीद बढ़ती गई। राहत की बात यह रही कि जून के महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 58 तक पहुंच गया है। शनिवार को आखरी मरीज भी डिस्चार्ज हो गया।

तीन स्तर पर काम करके कोरोना पर जीत हासिल करने में सफल हुए

डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि जिले में कोरोना को लेकर पहले से सर्वे और स्क्रीनिंग की जा रही थी। 29 अप्रैल को पहला केस सामने आया। इसमें तीन स्तर पर काम किया गया। एक टीम कंटेनमेंट प्लान तैयार करती। दूसरी आरआरटी टीम मौके पर पहुंचकर सैंपलिंग करती। तीसरी टीम संक्रमित व्यक्ति के कांटेक्ट में आए लोगों की जानकारी एकत्रित करती। जिसके आधार पर आगामी सैंपलिंग की जाती। फील्ड स्टाफ रेगुलर सर्वे करता था। कोई भी संदिग्ध मिलने पर उसकी सैंपलिंग कराकर क्वारैंटाईन करवाते थे। कंटेनमेंट जोन में मेडिकल गाइड लाइन की पालना करवाई। सर्वे का नजदीकी से एनालिसिस करवाया। मुख्य बात थी समय पर मौके पर पहुंचना और कांन्टेक्ट ट्रेसिंग करवाना। सभी ने मिलकर काम किया है, जिससे हम जीत हासिल कर सके हैं।

मलेरिया और डेंगू पर फोकस शुरू किया

डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य) डॉ. मीणा ने बताया कि कोरोना को हम भूले नहीं हैं। जिले में लगातार सर्वे जारी है। इसके साथ ही अन्य प्रोग्राम जैसे मलेरिया, डेंगू अन्य से निपटने के काम शुरू करवा दिए हैं। लगातार फील्ड में स्क्रीनिंग और रेंडम सैंपलिंग करवा रहे हैं। जहां-जहां केस निकले हैं, वहां पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। आईएलआई के लक्षणों वाले मरीजों की सैंपलिंग करवाई जा रही है। जो लोग डिस्चार्ज हुए हैं, उन्हें 14 दिन होम क्वारेंटाईन या सरकारी क्वारेंटाईन में रखा गया। यह नेगेटिव होने के 14 दिन बाद सामान्य रूप से दिनचर्या शुरू कर सकते हैं। इनसे संक्रमण फैलने की संभावना शून्य है।


वर्जन: बारां में कोरोना संक्रमण आने के बाद से चिकित्सा विभाग, प्रशासन, पुलिस सहित सभी ने एक टीम के रूप में बेहतर काम किया है। इसमें आमजन, समाजसेवी, सभी संगठन, राजनैतिक दल, मीडिया सभी का सकारात्मक सहयोग मिला है। जिससे हम बहुत कम समय में कोरोना से बाहर आने में सफल हुए हैं।

- इंद्र सिंह राव, कलेक्टर, बारां

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