भारत में अभी और कहर बरपाएगा कोरोना
- Rajesh Jain
- Jun 2, 2020
- 3 min read

देश में अमेरिका से ज्यादा हो सकते हैं पॉजिटिव केस
जुलाई में टूट सकता है मरीजों का रिकॉर्ड
नई दिल्ली, 2 जून । बस महीने भर पहले तक कोरोना मरीजों के मामले में भारत टॉप तीस देशों में शामिल था. फिर 25 देशों की सूची में भारत का नाम आया. इसके बाद 20, फिर 15, फिर 10 और अब भारत करीब 2 लाख कोरोना मरीजों के साथ इस लिस्ट में 7वें नंबर पर पहुंच गया है.
देश में अमेरिका से ज्यादा हो सकते हैं पॉजिटिव केस
विश्व के प्रभावित देशों की लिस्ट में टॉप 5 में होगा भारत
कोरोना का कहर अभी तक सबसे ज्यादा अमेरिका पर ही टूटा था. लेकिन अब भारत में जिस तेजी से कोरोना मरीजों की तादद बढ़ रही है, उसे देखते हुए जानकारों का मानना है कि जुलाई तक कोरोना के मामलों में भारत, अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा. बस कुछ हफ्ते पहले तक कोरोना पॉजिटिव केस के मामलों में भारत की गिनती तीस देशों में थी. मगर अब भारत उन सात देशों में शामिल हो गया है, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा केस हैं. अंदेशा ये जताया जा रहा है कि जून-जुलाई भारत के लिए सबसे नाजुक हैं.
बस महीने भर पहले तक कोरोना मरीजों के मामले में भारत टॉप तीस देशों में शामिल था. फिर 25 देशों की सूची में भारत का नाम आया. इसके बाद 20, फिर 15, फिर 10 और अब भारत करीब 2 लाख कोरोना मरीजों के साथ इस लिस्ट में 7वें नंबर पर पहुंच गया है. जानकारों का मानना है कि फिलहाल जिस तेजी से कोरोना के मामले देश में बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की लिस्ट में भारत एक से डेढ़ हफ्ते में पांचवें नंबर पर पहुंच जाएगा. इतना ही नहीं जानकारों की चिंता इस बात की भी है कि भारत में जुलाई तक कोरोना के 21 लाख तक पहुंच सकते हैं. यानी भारत कोरोना के मरीजों के मामले में तब अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी बॉयोस्टैटिस्टिक्स ऑफ़ मिशिगन में और महामारी रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी के मुताबिक भारत में संक्रमण के मामलों का बढ़ना ना तो अभी कम हुआ है. और ना ही फिलहाल कम होने की उम्मीद है. भ्रमर मुखर्जी ने भारत में लॉकडाउन और कोरोना के कंट्रोल पर आधारित 43 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई की शुरुआत तक ये मामले करीब साढ़ 6 लाख से बढ़ कर 21 लाख तक हो सकते हैं. इतना ही नहीं इस मुद्दत में करीब 18 से 20 हज़ार लोगों की जान भी जा सकती हैं. प्रोफेसर मुखर्जी ने इस आंकलन के लिए देश में पिछले कई दिनों के मामलों की पड़ताल की. जिसके मुताबिक भारत में रोज़ाना औसतन 9 हज़ार की तादाद में मामले बढ़ रहे हैं. अगर इसी हिसाब से मामले बढ़े तो जुलाई आते आते भारत में कोरोना के तकरीबन 5 लाख मामले हो जाएंगे. हालांकि औसतन मामलों की तादाद हर हफ्ते बढ़ती ही जा रही है.
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में लॉकडाउन को ना बढ़ाना मुश्किल पैदा कर सकता है. तो क्या भारत ने लॉकडाउन ना बढ़ाने का फैसला कर मुसीबत को मोल ले लिया है? हालांकि वैज्ञानिकों और डॉक्टरों में इस बात की भी बहस छिड़ी है कि भारत में कोरोना का पीक कब आएगा? जानकारों के मुताबिक किसी भी संक्रमण का पीक तब आता है. जब संक्रमण के मामले उच्चतम स्तर पर पहुंच जाते हैं. और इसके बाद संक्रमण की रफ्तार कम होने लगती हैं. जैसा कि चीन, ईरान, इटली, स्पेन और जर्मनी में हुआ. भारत में कोरोना का पीक जुलाई की शुरुआत या मध्य में आ सकता. जबकि डब्लूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि भारत में जुलाई के आखिर में कोरोना वायरस के मामले कम होना शुरु होंगे. घुमा-फिरा कर बात यही है कि जुलाई भारत के लिए कोरोना के मामले में निर्णायक साबित होने वाला है.
वैसे खुद WHO की नज़र भी भारत पर है. मगर कोई भी तार्किक तौर पर ये अंदाज़ा नहीं लगा पा रहा है कि भारत में कोरोना अपनी पीक पर कब पहुंचेगा. इसे लेकर कई तरह की थ्योरीज़ सामने आ रही हैं. भारत में पीक की स्थिति को लेकर भ्रम इसलिए है क्योंकि अब तक भारत में कोरोना पॉज़िटिव मामलों के जो आंकड़े आ रहे हैं. वो कम टेस्टिंग की वजह से पूरी तरह सही नहीं कहे जा सकते. अगर टेस्टिंग ज्यादा हुई तो आंकड़े बढ़ते जाएंगे.























































































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