कोटा में गुरुवार को डॉक्टर सहित 3 नए मामले
- Rajesh Jain
- Jun 18, 2020
- 3 min read

कोटा 18 जून । कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार कोटा में बना हुआ है. गुरुवार को 3 पॉजिटिव केस सामने आए, जिसमें एक झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में कार्यरत 49 वर्षीय शहर के जाने माने ह्रदय रोग चिकित्सक है । एक केसर बाग के निवासी जो बुधवार रात को अस्पताल में भर्ती हुए थे, जहां इलाज के दौरान बुधवार प्रात: 3 बजे ही मौत हो गई थी, वो पॉजिटिव पाये गये एवं रात्रि की रिपोर्ट में बसंत विहार के पास स्थित चित्रगुप्त कॉलोनी की 25 वर्षीय महिला जयपुर में पॉजिटिव पाई गई ।
इसके अलावा महावीर नगर द्वितीय निवासी 44 वर्षीय पुरुष, जिनकी दो बार कोटा में जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और परिजन तबीयत बिगडऩे पर उसे जयपुर ले गए. वहां जांच करने पर मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी । वह कोटा में शामिल किए गए हैं । इनको मिलाकर कोटा में कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा 552 पहुंच गया है एवं कोरोना से शहर में मौत का आंकड़ा 19 हो गया है ।
निजी चिकित्सक मिले कोरोना पॉजिटिव
शहर के झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट चिकित्सक कोरोना संक्रमित मिले है. जिसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है. वहीं अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं. उनका इलाज उसी तरह से चलता रहेगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ और मरीजों के नमूने ले रही है. चिकित्सा विभाग ने अस्पताल स्टाफ और मरीजों के करीब 60 नमूने लिए हैं.
संक्रमण का स्तर जांचने के लिए किया बंद
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि अस्पताल को इसलिए बंद किया है कि कितनी संख्या में पॉजिटिव आते हैं. इसके लिए अस्पताल में आना जाना बंद करते हुए नमूने लिए जा रहे हैं. सैंपल को लेकर जो रिपोर्ट आएगी. उस आधार पर आगे की रणनीति तैयार होगी. उसी में सामने आएगा कि कोरोना इंफेक्शन का फैलाव कितना हुआ है. गुरुवार को अस्पताल डिसइनफेक्ट किया जाएगा. जो सावधानीपूर्वक प्रीवेंशन का काम किया जाता है वह जारी रहेगा.
अस्पताल में भर्ती मरीज नहीं होंगे डिस्चार्ज
सीएमएचओ डॉ. तंवर के अनुसार जो नमूने लिए हैं, उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की रणनीति तैयार होगी. जो मरीज भर्ती हैं. वह भर्ती ही रहेंगे, कोरोना पॉजिटिव चिकित्सक और अन्य कर्मचारी थे, उनको क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. अस्पताल में इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सक और स्टाफ ही रहेंगे. नए मरीजों की भर्ती नहीं होगी. वहीं रिपोर्ट आने तक भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा.
मेडिकल स्टाफ को केवल 4 दिन क्वॉरेंटाइन...
कोविड-19 की ड्यूटी कर रहा मेडिकल स्टाफ के क्वॉरेंटाइन की समय अवधि राज्य सरकार ने कम कर दी है. पहले 14 दिन लगातार ड्यूटी करने के बाद, उन्हें 14 दिन क्वारेंटाइन किया जाता था. लेकिन अब सरकार ने इसे कम करते हुए महज 4 दिन कर दिया है. मेडिकल स्टाफ ने इस पर आपत्ति जताई है, लेकिन राज्य सरकार के आदेश के चलते मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इसे लागू कर दिया है.
उधर चिकित्सक के पॉजिटिव आने के बाद निजी अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कार्य करेंगे. जो भी लोग चिकित्सक के संपर्क में आए हैं, उनको क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार बीते दो दिनों से वह छुट्टी पर ही थे. उन्हें स्वयं ही दिक्कत होने पर जांच करवाई है. इसकी रिपोर्ट में वे पॉजिटिव आए हैं. संभव है कि किसी मरीज के उपचार के दौरान उन्हें यह संक्रमण हुआ है.























































































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