नई गाइडलाइन: अब मरीज को 24 घंटे में देनी होगी कोरोना की जांच रिपोर्ट
- Rajesh Jain
- Jul 26, 2020
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जयपुर, 26 जुलाई । राजस्थान में लगातार बढ़ रहे संक्रमित मरीजों के आंकड़ों के बीच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के मरीजों की जांच के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के अनुसार किसी व्यक्ति की कोरोना जांच के बाद उसे 24 घंटे में जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए अस्पताल, लैब और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में कोरोना के सैम्पल लेने, रेंडम आधार पर सैम्पल लेने में प्राथमिकता निर्धारित करने, जांच रिपोर्ट पॉजिटिव या नेगेटिव आने पर रिपोर्ट 24 घंटों में संबंधित को देने, पॉजिटिव या नेगेटिव आने वाले मरीजों को एहतियान उपायों पर फोकस किया गया है।
आदेशों में कहा गया है कि 14 दिन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले, प्रयोगशाला में पॉजिटिव आए व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्तियों, चिकित्साकर्मी व कोरोना के फ्रंटलाइन वर्कर्स, सीवेयर एक्यूट रेस्पीरेटरी इन्फेक्शन के लक्षणों वाले, कैंसर व किडनी के रोगियों की सैम्पलिंग आवश्यक रूप से की जाए। रेंडम सैम्पलिंग में घरेलू नौकर, फल-सब्जी विक्रेता, किराने की दुकान व हेयर सैलून संचालक, ब्यूटी पार्लर संचालक, सैलून, प्रेसवाले व धोबी, 60 वर्ष से अधिक उम्र के गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों, समूह में एकत्र होने वाले लोगों के साथ अत्यधिक रोगीभार वाले अस्पतालों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।
गाइडलाइन में कहा गया है कि मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद अगर मामूली लक्षण दिख रहे हो तो ऐसी सूरत में मरीज को चिकित्सक द्वारा ट्रीटमेंट दिया जाए। लक्षण वाले नेगेटिव मरीजों को नॉन कोविड अस्पताल में रफर किया जाए। अगर किसी में लक्षण नहीं हो तो उस व्यक्ति को सावधानी बरतने का परामर्श दिया जाए। जांच रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आई हो और लक्षण नहीं हो या फिर मामूली हो तो उस व्यक्ति को होम आइसोलेशन किया जाए। अगर किसी व्यक्ति के घर में व्यवस्था नहीं हो तो उसे कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए। मध्यम लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया जाए। ऐसे मरीजों को छुट्टी से पूर्व जांच की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मरीज को अस्पताल में 10 दिन भर्ती रखने के बाद अगर तीन दिन तक उनमे कोई लक्षण नही दिखे तो छुट्टी दे दी जाएगी। गंभीर कोरोना मरीजों का भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में इलाज किया जाए। ऐसे मरीजों को लक्षण रहित होने और जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही छुट्टी दी जाएगी।
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