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आईसीएमआर ने बदली टेस्टिंग की रणनीति, इन लक्षण वालों की सात दिन में होगी जांच


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कोविड-19 की जांच के लिए अपनी रणनीति को संशोधित करते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने सोमवार को कहा कि विदेश से लौटेने वाले ऐसे नागरिकों और प्रवासियों, जिनमें इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षण (आईएलआई) दिखाई देंगे, उनकी कोरोना जांच सात दिन के भीतर सुनिश्चित की जाएगी।  आईसीएमआर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं समेत सभी आपात चिकित्सा स्थितियों में देर नहीं होनी चाहिए। अभी तक हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन में रहने वाले आईएलआई या एसएआरआई लक्षण वाले लोगों की कोरोना जांच की जा रही थी।  इस संशोधित रणनीति में यह भी उल्लेखित किया गया है कि अस्पताल में भर्ती सभी मरीज जिनमें इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिख रहे हैं और वायरस के प्रसार को रोकने में लगे सभी फ्रंटलाइन कर्मचारी जिनमें ऐसे लक्षण दिखेंगे उनकी आरटी-पीसीआर माध्यम से कोरोना संक्रमण की जांच की जाएगी।  एसिम्टोमैटिक मरीजों (जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं दिखते हैं) के अलावा पुष्ट मरीज से सीधे संपर्क में आए लोगों की संपर्क में आने के पांचवे और 10वें दिन जांच सुनिश्चित की जाएगी। अभी तक एसिम्टोमैटिक मरीज के संपर्क में आए लोगों की संपर्क में आने से पांचवें और 14वें दिन पर की जा रही थी।  एक अधिकारी ने कहा, आईसीएमआर ने अपनी रणनीति में संशोधन देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में उछाल आने पर लिया है। नई रणनीति के तहत संक्रमण के प्रसार को और प्रभावी तरीके से रोकने पर और संदिग्ध मरीजों की तेजी से जांच करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

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