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ऑक्सफोर्ड ने कोरोना वैक्सीन के सफल ट्रायल का दावा किया


  • यह वैक्सीन सिंतबर तक आ सकती है, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा- इसे लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पांस मिला है

  • इस जानकारी के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंटरनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की अगुवाई में बन रही कोरोनावायरस की वैक्सीन के पहले फेज के क्लीनिकल ट्रायल के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। सोमवार को मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। इस जानकारी के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंटरनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए ट्वीट में भी कहा गया है कि इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पांस मिला है। वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता वाली बात नजर नहीं आई और वैक्सीन के कारण ताकतवर इम्यून रिस्पांस पैदा हुआ है।


Oxford’s Covid-19 vaccine produces a good immune response, reveals new study. Teams at @VaccineTrials and @OxfordVacGroup have found there were no safety concerns, and the vaccine stimulated strong immune responses: https://bit.ly/PhaseIResults


लैंसेट में छपी रिपोर्ट 

इसके लिए लैंसेट के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन ने तीन खास मेडिकल टर्म्स- safe, well-tolerated and immunogenic  का इस्तेमाल किया है। इनका मतलब है कि यह वैक्सीन सुरक्षित, अच्छी तरह सहन करने योग्य और प्रतिरक्षात्मक हैं। हॉर्टन ने वैक्सीन टीम के प्रमुख वैज्ञानिक पैड्रो फोलेगेटी को बधाई दी है और कहा है कि ये नतीजें बहुत उत्साह बढ़ाने वाले हैं।द लैंसेट में इस वैक्सीन के बारे में छपी 13 पेज की रिपोर्ट को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है - https://marlin-prod.literatumonline.com/pb-assets/Lancet/pdfs/S0140673620316044.pdf


Results of phase 1/2 Oxford Covid-19 Vaccine trial published. Editor in Chief of UK based medical Journal ‘The Lancet’ says it is “safe, well-tolerated and immunogenic.”


तीन दिन से इस वैक्सीन के नतीजों का इंतजार

दो दिन पहले 17 जुलाई की रिपोर्ट में बताया गया था कि यह  वैक्सीन कोरोनावायरस से दोहरी सुरक्षा दे सकती है। डेली टेलीग्राफ के मुताबिक, पहले चरण के ट्रायल में वैक्सीन देने के बाद वॉलंटियर्स में इम्यून रिस्पॉन्स काफी बेहतर रहा। इनके ब्लड सैंपल को जांचा गया। रिपोर्ट में सामने आया कि इनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी और किलर टी-सेल्स भी बनीं। 

इसके बाद रविवार, 19 जुलाई को रिचर्ड ने ही सबसे पहले यह ट्वीट किया था कि सोमवार को ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के नतीजों की घोषणा की जाएगी। होर्टन ने ट्वीट किया था, ‘‘कल। वैक्सीन। बस कह रहा हूं।’’ इस ट्वीट को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है।  


कोरोना सर्वाइवर के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनने का दावा

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ वैक्सीन तैयार करने वाली फार्मा कम्पनी एस्ट्राजेनेका ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में दावा किया है कि ट्रायल के दौरान जिन्हें वैक्सीन दी गई उनमें कोरोना सर्वाइवर के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनीं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिसीज के डायरेक्टर डॉ. एंथनी फॉसी का कहना है कि रिजल्ट अच्छे हैं, उम्मीद है कि वैक्सीन कामयाब रहेगी।


ट्रायल में बड़े साइड इफेक्ट नहीं दिखे

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ट्रायल के दौरान गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखे गए। सिर्फ थकान, सिरदर्द, ठंड लगना और शरीर में दर्द जैसी छोटी दिक्कतें ही हुईं। जहां इंजेक्शन लगा, वहां दर्द हुआ, लेकिन ऐसा सिर्फ ओवरडोज के मामलों में ही देखा गया।


अप्रैल में हुआ था पहले चरण का ट्रायल

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पहले चरण का ट्रायल अप्रैल में किया था। स्वास्थ्य मंत्री मैट हेनकॉक के मुताबिक, वैक्सीन तैयार करने के लिए टीम लगातार जुटी है, यह इस साल कभी भी उपलब्ध हो सकती है। ऐसा न होने पर 2021 में इसे आने की पूरी उम्मीद है।

वैक्सीन ट्रायल का अप्रूवल देने वाले बर्कशायर रिसर्च इथिक्स कमेटी के चेयरमैन डेविड कारपेंटर का कहना है कि हम वैज्ञानिकों के साथ लगातार काम कर रहे हैं और हर जरूरी बदलाव कर रहे हैं। वैक्सीन तैयार करने में हम सही रास्ते पर हैं। 


सितंबर तक आ सकती है वैक्सीन

कारपेंटर के मुताबिक, शोधकर्ता हॉस्पिटल, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को वैक्सीन देने के लिए टार्गेट कर सकते हैं, क्योंकि इनमें संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। वैक्सीन कब तक उपलब्ध हो जाएगी, इसकी तारीख नहीं बताई जा सकती। यह सितंबर पर आ सकती है। इसी टारगेट को ध्यान में रखते हुए लगातार काम किया जा रहा है।


लंबी इम्युनिटी देगी या नहीं, यह अभी तय नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र का कहना है कि अब तक साबित नहीं हो पाया है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 लंबे समय तक इम्युनिटी देगी। हालांकि, यह शरीर में एंटीबॉडी और टी-सेल्स दोनों की संख्या बढ़ाती है। इन दो चीजों का कॉम्बिनेशन इंसान को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। अब तक सब कुछ अच्छा रहा है, लेकिन आगे का रास्ता काफी अहम और लंबा है। 


2020 के अंत तक 40 करोड़ डोज मुफ्त पहुंचाने का लक्ष्य

फार्मा कम्पनी एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन के 40 करोड़ डोज तैयार करने के लिए यूरोप की इंक्लूसिव वैक्सीन्स एलायंस से हाथ मिलाया है। 2020 के अंत तक वैक्सीन तैयार कराने का टारगेट तय किया गया है। वैक्सीन के 40 करोड़ डोज मुफ्त उपलबध कराए जाएंगे।



ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में क्या है?

यह वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 सर्दी के एक वायरस (एडेनोवायरस) के कमजोर वर्जन का इस्तेमाल कर बनाई गई है। यह वायरस चिम्पांजी में होने वाला इंफेक्शन है। जेनेटिकली बदलाव कर इसे वैक्सीन के लायक बनाया है, ताकि यह मनुष्यों में इससे मिलते-जुलते वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा कर सके।


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