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जेसिका लाल मर्डर केस: दोषी मनु शर्मा को रिहा किया गया


उपराज्यपाल ने दिया आदेशनई दिल्ली, 2 June, 2020 ।मशहूर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वजह जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था. उसका हत्यारा और कोई नहीं मनु शर्मा था.

  • उपराज्यपाल ने दिया आदेश


नई दिल्ली, 2 June, 2020 ।

मशहूर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वजह जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था. उसका हत्यारा और कोई नहीं मनु शर्मा था.

दिल्ली के चर्चित जेसिका लाल मर्डर केस में दोषी मनु शर्मा को रिहा करने का फैसला लिया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मनु शर्मा को रिहा करने का आदेश दिया. मनु शर्मा जेसिका लाल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है. मनु शर्मा को 1999 में मॉडल जेसिका लाल की हत्या का दोषी पाया गया था.


बता दें कि मशहूर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वजह जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था. उसका हत्यारा और कोई नहीं मनु शर्मा था.


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मनु शर्मा हरियाणा के नेता विनोद शर्मा का बेटा है. सात साल तक चले मुकदमे के बाद इस मामले में फरवरी 2006 में सभी आरोपी बरी हो गए थे. आरोपियों के बरी होने के बाद भी जेसिका का परिवार निराश नहीं हुआ. उसकी बहन ने नए सिरे से इस केस में जान फूंकने की कोशिश की. यह मामला मीडिया में उछला. उसके बाद तो जेसिका लाल मर्डर केस में इंसाफ के लिए दिल्ली क्या पूरा देश एक साथ आ गया. इस केस को दोबारा खोलना पड़ा. फास्टट्रैक कोर्ट में केस चला. उसके बाद जेसिका के हत्यारे मनु शर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई गई.


केस पर बनी थी फिल्म 'नो वन किल्ड जेसिका'


2011 में जेसिका लाल मर्डर केस से प्रभावित होकर फिल्म 'नो वन किल्ड जेसिका' बनाई गई. इसमें फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी और विद्या बालान प्रमुख भूमिका थे. इसके अलावा फिल्म हल्ला बोल की कहानी भी जेसिका मर्डर केस से प्रभावित थी. दोनों फिल्मों में आम आदमी और मीडिया की ताकत को दर्शाया गया था.


हत्याकांड से जुड़ी कुछ अहम तारीखें


29-30 अप्रैल, 1999 की दरमियानी रात: साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी में जेसिका की गोली मारकर हत्या.


30 अप्रैल, 1999: अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों ने घोषित किया कि जेसिका को अस्पताल में मृत लाया गया था.


2 मई, 1999: मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने यूपी के नोएडा से बरामद किया.


6 मई, 1999: चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने मनु शर्मा का सरेंडर.


इसके बाद यूपी के नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित 10 सह अभियुक्तों की गिरफ्तारी.


3 अगस्त, 1999: आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट.


31 जनवरी, 2000: मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट को सुपुर्द किया.


23 नवंबर, 2000: सेशन कोर्ट ने हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए.


2 मई, 2001: कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की. चश्मदीद गवाह दीपक भोजवानी ने गवाही दी.


3 मई, 2001: चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकरा. कोर्ट में उसने मनु की शिनाख्त नहीं की.


5 मई, 2001: कुतुब कोलोनेड में इलेक्ट्रिशियन एक अन्य चश्मदीद शिव दास भी अपने बयान से मुकरा.


16 मई, 2001: तीसरा प्रमुख गवाह करन राजपूत भी अपने बयान से मुकरा.


6 जुलाई, 2001: एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की.


12 अक्तूबर, 2001: रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की.


17 अक्तूबर, 2001: बीना के कनाडाई पति जार्ज मेलहोत ने गवाही दी और मनु शर्मा की शिनाख्त की.


21 फरवरी, 2006: लोअर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ अभियुक्तों को बरी किया.


13 मार्च, 2006: दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में अपील दायर की.


3 अक्तूबर, 2006: हाई कोर्ट ने इस अपील पर नियमित आधार पर सुनवाई शुरू की.


29 नवंबर, 2006: हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा.


18 दिसंबर, 2006: हाई कोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया.


आलोक खन्ना, विकास गिल, हरविंदर सिंह चोपड़ा, राजा चोपड़ा, श्याम सुंदर शर्मा और योगराज सिंह बरी.


20 दिसंबर, 2006: हाई कोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.


सह अभियुक्त अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार साल की जेल की सजा और तीन हजार का जुर्माना.


2 फरवरी, 2007: मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की.


8 मार्च, 2007: सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की अपील स्वीकार की.


27 नवंबर, 2007: सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज की.


12 मई, 2008: सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की जमानत याचिका फिर से खारिज की.


19 अप्रैल, 2010: फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा.

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