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कल मंगलवार को बृहस्पति और सूर्य के बीच में आ जाएगी पृथ्वी


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एक सप्ताह में होगी तीन खगोलीय घटनाएं,

बृहस्पति, प्लूटो और शनि से होगा पृथ्वी का सामना


भोपाल, 13 जुलाई । कोरोना संक्रमण काल में लोग जहां अपनी परेशानियों से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में आसमान में एक सप्ताह में तीन खगोलीय घटनाएं हो जा रही हैं। अगले सात दिनों में सौर परिवार के दो विशालकाय ग्रहों बृहस्पति, शनि और परित्याग किए गए छुद्रग्रह प्लूटो से पृथ्वी का सामना होने जा रहा है। वहीं, मंगलवार, 14 जुलाई को सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) पृथ्वी के ठीक सामने होगा। यानी, इस दिन पृथ्वी बृहस्पति और सूर्य के ठीक बीच में आ जाएगी।

यह जानकारी भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड विजेता विज्ञान प्रचारक सारिका घारू ने दी। उन्होंने बताया कि आगामी सात दिनों में आकाश में तीन खगौलीय घटनाएं होने वाली हैं। इनमें मंगलवार, 14 जुलाई को बृहस्पति पृथ्वी के ठीक सामने आ जाएगा, जबकि 16 जुलाई को छुद्रग्रह प्लूटो और 20 जुलाई को रिंग वाला सेटर्न पृथ्वी की ठीक सीध में होगा।

सारिका ने बताया कि पृथ्वी के इन ग्रहों और सूर्य के बीच में आकर एक सीध में आने की खगोलीय घटना अपोजीशन कहलाती है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी द्वारा 365 दिन में सूर्य की परिक्रमा करने से साल में सभी बाहरी ग्रह कभी न कभी सीध में आते ही हैं, लेकिन सात दिन के अंदर दो विशालग्रहों एवं एक छुद्रग्रह का सीध में आना दुर्लभ घटना है। विज्ञान प्रसारक सारिका ने बताया कि जुपिटर एट अपोजिशन की घटना मंगलवार को दिन में एक बजकर 16 मिनट पर बृहस्पति, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीध में होंगे, जिसमें पृथ्वी दोनों के बीच में होगी। इस घटना में शाम को जब पश्चिम में सूर्य अस्त हो रहा होगा तो उसी समय 7 बजकर 43 मिनट पर पूर्व में जुपिटर (बृहस्पति) उदित होता दिखाई देगा। वहीं, मध्यरात्रि में 12 बजकर 28 मिनट पर यह साल में आपके सबसे पास होगा। फिर अगले दिन सुबह 5 बजकर 9 मिनट पर यह दिखना बंद होते हुये अस्त हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसी तरह 16 जुलाई को सौरमंडल से परित्याग किया गया छुद्रग्रह प्लूटो, पृथ्वी और सूर्य सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर एक सीध में होंगे। वहीं, एक सप्ताह के अंदर ही 20-21 जुलाई की मध्यरात्रि को 3 बजकर 44 मिनट पर रिंग वाला सबसे अधिक चर्चित ग्रह शनि और पृथ्वी एक सीध में आ जायेगी। सारिका ने बताया कि इतनी कम अवधि में पृथ्वी के इन दो बड़े ग्रहों के सीध में आने की घटना इसके पहले सन 2000 में हुई थी, जब पृथ्वी 19 नवम्बर को सेटर्न एवं 28 नवम्बर को जुपिटर की सीध में आई थी और तब भी यह घटनाएं नौ दिन के अंतर हुई थी।

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