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कॉर्पोरेट बड़े राहत पैकेज की उम्मीद न करें सरकार ने चेताया


नई दिल्ली।

कॉरपोरेट सेक्टर की ओर से कोरोना संकट के चलते आई मंदी से निपटने के लिए बड़े पैकेज की मांग को लेकर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि किसी बड़े कोरोना पैकेज की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रोथ में इजाफा करने के लिए जल्दी ही पैकेज जारी किया जाएगा, लेकिन अन्य देशों से इसकी तुलना नहीं की जानी चाहिए। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा कि हम किसी दूसरे देश की तुलना करते हुए पैकेज की मांग नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी हमें बड़ी कीमत चुकानी होगी। यही नहीं भारत सरकार की ओर से पहली बार कोरोना संकट के बीच मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ को लेकर अनुमान जताया गया है।

पहली तिमाही में नेगेटिव रहेगी ग्रोथ

सुब्रमण्यन ने कहा कि पहली तिमाही में आर्थिक ग्रोथ निगेटिव हो सकती है। हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ 2 फीसदी के करीब हो सकती है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत की ग्रोथ 1.9 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। केवी सुब्रमण्यन ने इकनॉमिक टाइम्स से एक इंटरव्यू में कहा, 'किसी को भी अर्थव्यवस्था में यह पहली बात समझनी चाहिए कि यहां कोई मुफ्त की व्यवस्था नहीं है।' उन्होंने कहा कि यदि हम राजकोषीय घाटे को बढ़ाने की ओर जाते हैं तो फिर अर्थव्यवस्था के बेसिक्स पर उसका विपरीत असर पड़ेगा।

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