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20 लाख करोड़ का पैकेज जनता के साथ क्रूर मजाक, विपक्ष का आरोप


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नई दिल्ली, 13 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सेक्टरों के हिसाब से खर्चों के स्पष्ट विश्लेषण के बाद तमाम प्रकार की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सत्ता पक्ष के समर्थित नेताओं द्वारा पैकेज की प्रशंसा करने के इतर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने इसे जनता के साथ क्रूर मजाक बताया है।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने 20 लाख करोड़ का कोविड राहत पैकेज सिर्फ एक और जुमला है क्योंकि गरीबों के हाथ कुछ नहीं लगेगा। वल्लभ का मानना है कि जिस पैकेज को बढ़चढ़ कर बताया जा रहा है वह सिर्फ 12 लाख करोड़ का है वो भी लिक्विडिटी इन्फ्यूजन के नाम पर यानी ज्यादा से ज्यादा लोग बैंक से कर्ज ले सकें लेकिन सवाल ये है कि जब लोगों के पास नौकरी नहीं, पेट भरने को खाना नहीं तो ऐसे में लोग कर्ज क्यों लेंगे? वल्लभ ने कहा कि मेक इन इंडिया चार साल पहले ही फेल हो चुका है और अब आत्मनिर्भर भारत का नया जुमला फिर से लोगों को बेवकूफ बनाएगा।

वहीं रणदीप सिंह सुरेजवाला ने केंद्र सरकार के आर्थिक राहत पैकेज जुमले की संज्ञा दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जुमले बनाने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ बातें जान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क़र्ज़ उपलब्ध करने को यानी लिक्विडिटी इन्फ़्यूज़न को राजकोषीय प्रोत्साहन या फ़िस्कल स्टिम्युलस नहीं कहा जा सकता। इसी प्रकार लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय राजकोषीय प्रोत्साहन (फ़िस्कल स्टिम्युलस) नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि क़र्ज़ उपलब्ध करने से खपत नहीं बढ़ सकती। उन्होंने पूछा कि इतने बड़े पैकेज में आखिर 13 करोड़ ग़रीब परिवारों को 7,500 रुपये व राशन का निर्णय क्यों नही? श्रमिक व मज़दूरों की घर वापसी का इंतज़ाम, राहत व राशन की बात को जगह क्यों नहीं दी गई? ना ही किसानों के खाते में 10 हजार रुपये डाले जाने की बात शामिल थी। सात करोड़ दुकानदारों तथा मध्यम वर्ग से क्यों मुंह मोड़ा गया? उन्होंने कहा कि ऐसे कई सवाल हैं जिसके जवाब सरकार को खोजने होंगे।

पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि भाजपा सरकार ने प्रवासियों को ऋणग्रस्तता, विनाश और अब तबाही में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि न तो सरकार अधिक उधार लेने के लिए तैयार है, न ही यह राज्यों को उधार लेने तथा अधिक खर्च करने की अनुमति दे रहा है, जिससे समाज में गरीब व मजबूर लोगों की स्थिति खराब हो रही है।

कांग्रेस सांसद सचिन पायलट ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान से राजस्थान सरकार निराश है। ना तो राज्यों की मांग पर विचार किया गया और ना ही पैकेज में मजदूरों के लिए कुछ विशेष है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज को बड़ा शून्य करार दिया है। उन्होंने कहा कि लोग राहत की उम्मीद लगा रहे थे लेकिन उन्हें बड़ा जीरो मिला है। पैकेज में राज्यों के लिए कुछ नहीं है। अब तक जो बैठकें हुई उनका नतीजा शून्य साबित हुआ।

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