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पात्र होने के बावजूद स्कूल को क्यों नहीं बदला अंग्रेजी माध्यम में-हाईकोर्ट


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जयपुर, 23 जून (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और गुमानपुरा, कोटा के मुख्य शिक्षाधिकारी सहित मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी रामगंज मंडी को नोटिस जारी कर पूछा है कि पात्र होने के बावजूद मोडक गांव की स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में क्यों नहीं बदला गया। अवकाशकालीन न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की एकलपीठ ने यह आदेश ग्राम पंचायत मोडक गांव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में अधिवक्ता प्रदीप माथुर ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में प्रदेश के 167 ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल की स्थापना की घोषणा की थी। इसके लिए याचिकाकर्ता ने सभी शर्ते पूरी करते हुए प्रस्ताव भी भेज दिया। इसके बावजूद गत 8 जून को शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में स्थित स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में ना बदलते हुए खेराबाद स्थित स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में स्थित सीमेंंट फैक्ट्री के करीब दो हजार कर्मचारी यहां रहते हैं। इन्हें मजबूरी में निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को भेजना पड़ता है। ऐसे में याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापित किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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