निकाय प्रमुखों को किया जा रहा कमजोर - कटारिया
- anwar hassan

- Jun 22, 2020
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उदयपुर, 21 जून (हि.स.)। राजस्थान की सभी नगरीय निकायों के महापौर, सभापति, अध्यक्ष के अधिकारों के कम करने के विरोध में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख जारी आदेश पत्र को निरस्त करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। 16 जून को निदेशक एवं संयुक्त सचिव, स्वायत शासन विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर ने सभी निकायों में आदेश जारी किया। जारी आदेश क्रमांक 26632- 829 के तहत नगरीय निकायों के निर्माण एवं अन्य कार्यों से संबंधित पत्रावलियों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों में नगरीय निकायों के महापौर, सभापति, अध्यक्ष द्वारा किसी भी पत्रावली की मांग किए जाने पर पत्रावली नहीं भेजे जाने तथा आयुक्त, अधिशासी अधिकारी की अनुमति के बाद ही ऐसी पत्रावली की छाया प्रति भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं। कटारिया ने पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि निदेशक द्वारा ऐसा पत्र जारी करके निकाय प्रमुखों को कमजोर करने का प्रयास किया गया है। कटारिया ने पत्र में मुख्य मंत्री को अवगत करवाया कि 17 मई, 2017 को राजस्थान नगर पालिका (पंचम संशोधन अधिनियम) 2017 के तहत राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 49 में उपधारा (7) को जोडकऱ निकाय प्रमुखों की शक्तियों में वृद्धि कर उन्हें अधिकारियों और कर्मचारियों पर अधीक्षण एवं नियंत्रण के अधिकार प्रदान किए गए थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 16 जून, 2020 को जारी पत्र नगरपालिका अधिनियम की भावना व मंशा के विपरीत है। इस पत्र के माध्यम से जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि को शक्तिहीन करने का प्रयास किया गया है। विधि अनुसार अधिनियम एवं परिपत्र में विरोधाभास होने की दशा में अधिनियम के प्रावधानों को ही सर्वोच्च प्रभावी माना जाता है। इसके बावजूद भी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा ऐसा विधि विरुद्ध पत्र जारी किया है। नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नगर पालिका अधिनियम के नियमों एवं बनाए कानून का हवाला देते हुए जारी किए गए पत्र को तुरंत ही निरस्त करने की मांग की है।
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