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ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चन्द्र ग्रहण का विशेष महत्व


प्रयागराज, 19 जून । सूर्य ग्रहण को प्रमुख खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है। पौराणिक ग्रंथों यहां तक की महाभारत में भी सूर्य ग्रहण का वर्णन आता है। इस बार सूर्य ग्रहण 21 जून को दिन में 10.20 बजे शुरू होगा। इसका चरम दोपहर 12.02 बजे होगा और मोक्ष दोपहर में 3.04 बजे होगा।

पूर्वी भारत की आचार्य पीठाधीश्वर, वागेश्वरी शक्तिपीठ की मॉं डॉ. योगेश्वरी माता ने बताया कि ग्रहण का सूतक काल 20 जून को शनिवार रात 21ः52 बजे से आरंभ हो जायेगा और 21 जून को 13ः49 पर समाप्त होगा। इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पड़ने से देश में आगजनी, विवाद और तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। आषाढ़ माह में यह ग्रहण होने से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, कश्मीर और दिल्ली के पर इसका विशेष असर देखने को मिलेगा। इनके साथ ही यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर भी इसका अशुभ असर पड़ेगा। वहीं अफगानिस्तान और चीन के लिए भी ग्रहण अशुभ रहेगा। यह ग्रहण राहुग्रस्त है। मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है। मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे।


ग्रहण काल में नकारात्मक शक्तियों का बढ़ता है प्रभाव

उन्होंने बताया कि इस ग्रहण से मेष, मकर, कुंभ और मीन राशि पर सामान्य प्रभाव रहेगा। अन्य सभी वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु राशि पर काफी बुरा प्रभाव रहेगा। सबसे ज्यादा प्रभाव मिथुन और धनु राशि पर होगा। क्योंकि राहु केतु इन्हीं दो राशियों पर चल रहे हैं। इसलिए ग्रहण काल में स्नान करके शिव आराधना माता आदिशक्ति की पूजा एवं अपने ईष्ट का मंत्र जाप करना शुभ रहेगा। ग्रहण उपरांत स्नान करके अपनी सुविधानुसार अन्न द्रव्य का दान करना शुभ रहेगा।

उन्होंने कहा कि ग्रहण काल में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है और ज्योतिष के दो महान ग्रहों सूर्य और चंद्रमा कमजोर पड़ जाते हैं। यह सूर्य ग्रहण कुछ खास राशि के लोगों के लिए बहुत ही प्रभावशाली रहेगा और कुछ राशि वालों को सावधान रहना होगा। मेष, सिंह, कन्या और तुला राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण मध्यम फल देने वाला साबित होगा। शेष राशि के लोगों को लगभग शुभ फलों की प्राप्ति होने के योग बनेंगे। क्योंकि यह सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में पड़ रहा है, इसलिए मिथुन राशि वाले लोगों को खासतौर पर इस ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचना चाहिए। क्योंकि इसका प्रभाव सबसे अधिक उन पर ही होगा। मिथुन राशि के अलावा वृषभ, कर्क, धनु और मकर राशि के लोगों को भी खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए। यह सूर्य ग्रहण बड़े-बड़े देशों के मध्य सत्ता का संघर्ष और देश की आंतरिक समस्याओं में तेजी से वृद्धि होने का भी संकेत देता है। इस ग्रहण के प्रभाव से जो लोग व्यापार करते हैं, उनके लिए यह अच्छे परिणाम मिलने के योग बनेंगे।

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