चीन ने एलएसी के पास तैनात किए जेट और बमवर्षक विमान
- Rajesh Jain
- Jun 22, 2020
- 2 min read

गलवान भिड़ंत के बाद दोनों देशों के कोर कमांडरों की बैठक मोल्डो-चुशुल में
नई दिल्ली 22 जून । गलवान घाटी में 15/16 की रात चीन और भारत के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद पहली बार सोमवार को एक बार फिर दोनों देशों के कोर कमांडरों की बैठक मोल्डो-चुशुल में हो रही है। इस बीच एलएसी के आसपास भारतीय सेनाओं की तैनाती से बौखलाए चीन ने भी अपने क्षेत्र के होटन, न्यारी और शिगात्से में जेट और बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैंं।
गलवान घाटी में 15/16 की रात चीन और भारत के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद पहली बार सोमवार को पूर्वी लद्दाख के चुशुल-मोल्दो मेंकोर कमांडर स्तर की दूसरी बैठक हो रही है। भारत की तरफ से 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग के सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन एक बार फिर 11.30 बजे से आमने-सामने बैठकर वार्ता कर रहे हैं। दोनों सैन्य अधिकारियों बीच यह दूसरी बैठक है। इन्हीं दोनों अधिकारियों के बीच 6 जून को वार्ता हुई थी जिसमें बनी सहमति का चीन पक्ष से पालन नहीं किया गया जिसकी वजह से गलवान में भारत और चीन के सैनिकों में भिड़ंत हुई।

चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपने हवाई-आधारित आक्रामक प्लेटफार्मों की संख्या भी बढ़ाई है। चीन ने पैंगोंग त्सो के उत्तर में भारतीय सैनिकों को 'फिंगर 4' के पूर्व में गश्त करने से रोकने के लिए आक्रामकता और सतर्कता बरती है। इस तरह दोनों देशों की सेनाएं लद्दाख में एलएसी के 826 किलोमीटर के मोर्चे पर पूरी तरह से तैनात हैं।
भारतीय एजेंसियों ने भी एलएसी के करीब उन चार ठिकानों पर अतिरिक्त फाइटर जेट्स, बॉम्बर्स और अटैक हेलीकॉप्टरों की तैनाती पर ध्यान दिया है। क्योंकि इन्हीं इलाकों में चीन ने भी अपने क्षेत्र के होटन, न्यारी और शिगात्से में जेट और बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैंं। इन इलाकों में शिनजियांग का होटन है जो लद्दाख के उत्तर में है। चीन क्षेत्र का न्यारी इलाका लद्दाख से लगभग 100 किमी दक्षिण-पूर्व में और शिगात्से सिक्किम से 150 किमी उत्तर में है।
इधर अरुणाचल प्रदेश के उत्तर में स्थित निंगची में भी चीनी सेना पीएलए की चहलकदमी बढ़ी है। एलएसी को एकतरफा बदलने के प्रयास में चीन आर्मी ने गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में कवच और आर्टिलरी बिल्डअप भी किया है। इसके अलावा डीपसांग, मुर्गो, गलवान, हॉट स्प्रिंग्स, कोयल, फुक और डेमचोक में भी भारत को पीएलए से खतरा बढ़ा है। इसीलिए भारत ने 14,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर किसी भी ऑपरेशन को करने के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर, सुखोई लड़ाकू जेट और टैंक को एलएसी के साथ जोड़ा है।
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