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लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने कश्मीर में इमरजेंसी हवाईपट्टी बनाना शुरू की


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीनगर-जम्मू हाईवे के पास ही इस इमरजेंसी हवाईपट्टी का निर्माणकार्य शुरू किया गया है।

  • नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने श्रीनगर-जम्मू हाईवे के पास एक आपातकालीन हवाईपट्टी का निर्माण शुरू किया

  • इस हवाईपट्टी की कुल लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर होगी, इसका इस्तेमाल इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान किया जाएगा

श्रीनगर. नेशनल हाईवे एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दक्षिण कश्मीर के बिजबेहारा के पास हाल ही में बने नेशनल हाईवे के पास ही एक इमरजेंसी हवाईपट्टी का निर्माणकार्य शुरू कर दिया है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई।

इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेना के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस बीच, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में श्रीनगर-जम्मू हाईवे के नजदीक एक आपातकालीन हवाईपट्टी का निर्माण शुरू किया है। इस हवाईपट्टी की कुल लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर होगी। इसका इस्तेमाल इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान किया जाएगा।


अधिकारियों ने कहा- हवाईपट्टी बनाना पहले से योजना में शामिल था

हालांकि, अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि इस निर्माणकार्य का किसी भी तरह से लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सीमा के बीच चल रहे टेंशन को लेकर कोई लिंक है। अधिकारियों का कहना है कि यह हवाईपट्टी का निर्माणकार्य पहले से ही योजनाओं में शामिल था।


6 जून को भारत और चीन केे सैन्य अफसरों के बीच बैठक

लद्दाख में भारत-चीन के बीच चल रही तनातनी को लेकर हाल ही में पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। हालांकि, भारत ने इस हालात से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। सीमा विवाद के मामले में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अफसरों के बीच 6 जून को बैठक होनी है।


मई में दोनों सेनाओं के बीच तीन बार झड़प हुई

भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं। भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं। वास्तविकता में यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।

इस महीने झड़पें कहां, कब और कैसे हुई?

1) तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।


2) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी। 


3) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की, लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल के बरसों में ऐसा पहली बार हुआ जब चीन की ऐसी हरकत के जवाब में भारत ने अपने लड़ाकू विमान सीमा के पास भेजे।

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