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जयपुर सीरियल ब्लास्ट की 12वीं बरसी: आज के दिन हुए थे जयपुर में बम धमाके


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जयपुर,13 मई (हि.स.)। राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम धमाकों को भले ही आज 12 साल हो गए हो,लेकिन उनकी गूंज आज भी लोगों के जहन में गूंजती रहती है। जयपुर वासी वह मनहूस घड़ी याद करतेे है तो सहम जाते है। इस आतंकी घटना  में 71 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 185 लोग घायल हुए थे। हमेशा शांत रहने वाली पिंकसिटी में ऐसा पहली बार था जब आतंकियों ने धमाके किए। जयपुर के पर्यटन को प्रभावित करने के लिए आतंकियों ने धमाकों के लिए जयपुर की चारदीवारी क्षेत्र को चुना। इधर कोरोना महामारी के चलते जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट की 12वीं बरसीं पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा रक्तदान शिविर और श्रद्धांजलि सभाएं,कैंडल मार्च ,महाआरती सहित कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।  बम धमकों के लिए शाम का समय चुना था आतंकियों ने : आतंकियों ने जयपुर को दहलाने के लिए शाम का समय चुना था क्योंकि शाम के वक्त शहर में काफी भीड़ रहती है। 13 मई मंगलवार की शाम को मंदिरों में आरती हो रही थी, दुकानदार अपने कामों में लगे हुए थे। शहर दौड़ रहा था, जैसे ही धमाकों की आवाजे आने लगी तो लोग सहम गए। बम धमाकों का पता चलते ही लोग इधर से उधर भागने लगे। बाजार बंद होते गए। कुछ लोग दुकानें खुली छोड़ भागे। शहर की सडक़े सूनी हो गई। लोग घरों में बंद से हो गए। कुछ लोगों ने मंदिरों में शरण ली। इन जगहों पर हुए थे बम धमाके: आतंकियों ने बड़ी चौपड़, माणकचौक थाने के पास, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और कोतवाली इलाके में 15 मिनट के अंदर 8 सीरियल बम धमाके किए। पहला धमाका शाम करीब 7.10 बजे हुआ था। धमाकों के बाद हर तरफ तबाही का मंजर था और शहर में लाशों को अंबार। इन सीरियल बम धमाकों में 71 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे। एडीजी राजस्थान एटीएस-एसओजी अनिल पालीवाल का कहना है कि कोर्ट ने जयपुर बम विस्फोट के ठीक 11 साल 7 माह 7 दिन बाद आरोपित सैर्फुरहान, सलमान, सैफ और सरवर को फांसी की सजा सुनाई। जबकि एक आरोपित शाहबाज को सभी आरोपों से बरी कर दिया। लेकिन राजस्थान एटीएस ने शाहबाज को अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया था। वहीं जयपुर के दोषी कुछ आतंकी अन्य राज्यों की जेल में बंद है और वहां की कोर्ट के आदेश के मुताबिक अभी उन्हें जयपुर नहीं लाया जा सकता है। प्रदेश में सभी जिला पुलिस से एटीएस का तालमेल है और विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

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