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राजस्थान में खादी व ग्रामोद्योग की साढे सत्रह सौ इकाइयां शुरु


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जयपुर, 17 मई (हि.स.)।  प्रदेश में खादी ग्रामोद्योग से जुड़ी 1759 इकाइयों में उत्पादन काम शुरु हो गया है। इससे करीब 8700 लोगों को रोजगार मिलने लगा है वहीं परंपरागत ग्रामीण औद्योगिक गतिविधियां गति पकडऩे लगी है। उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग के माध्यम व सहभागिता से संचालित इकाइयों को उत्पादन कार्य आरंभ करने की लिए प्रोत्साहित किया गया है जिसके परिणाम स्वरुप 1700 से अधिक ग्रामोद्योग इकाइयों द्वारा मिट्टी के बरतन, मिट्टी के खिलौने, छोटी छोटी तेल पिराई, आटा पिसाई, मसाला पिसाई, मोलेला, मसाला-पापड, मंगोड़ी आदि घरेलू उत्पादों का उत्पादन आरंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि इन इकाइयों से करीब आठ हजार श्रमिक जुड़े हुए हैं। एसीएस उद्योग डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए खादी संस्थाओं के माध्यम से खादी के बार-बार धोकर उपयोग करने वाले गुणवत्ता पूर्ण मॉस्क तैयार कराने का भी निर्णय लिया गया और एक लाख 90 हजार से अधिक मॉस्क तैयार कर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए इनमें से एक लाख से अधिक मॉस्क अस्पतालों, जिला प्रशासन और कोरोना वारियर्स को बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में छोटे-बड़े उद्योगों के साथ ही राज्य की खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़ी संस्थाओं और कुटीर उद्योगों में भी काम शुरु कराने से ग्रामीण क्षेत्र में कुटीर उद्योगों का संचालन होने लगा है और आर्टिजनों को रोजगार मिलने लगा है। उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों की शंकाओं व समस्याओं के समाधान व समझाइस के लिए महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, रीको के अधिकारी व उद्योग विभाग के नियंत्रण कक्ष और रीको नियंत्रण कक्ष द्वारा निरंतर दी जा रही सेवाओं से औद्योगिक इकाइयों की शंकाओं का समाधान हुआ है और प्रदेष में 15 हजार 700 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में काम होने लगा है। अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा प्रोटोकाल की शतप्रतिशत पालना कराने के निर्देश के साथ कफ्र्यूग्रस्त इलाकों को छोड़कर शेष सभी औद्योगिक क्षेत्रों को खोल दिया गया है।

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