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कापरेन के हनीफ का नाइजीरिया में निधन,बिरला के प्रयासों से भारत पहुंचा शव


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पैतृक गांव में हुआ सुपुर्द-ए-खाक

नई दिल्ली 22 जून। कापरेन निवासी हनीफ खान का गत 15 जून को अफ्रीकी देश नाइजीरिया में निधन हो गया। परिजनों ने शव को भारत लाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से गुहार लगाई। बिरला के प्रयासों से शव रविवार को भारत पहुंच गया। हनीफ के शव को सोमवार को कापरेन में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

कापरेन निवासी हनीफ नाइजीरिया के लागोस शहर में पैकेजिंग उद्योग में कार्यरत थे। उनकी पत्नी तरवीन खान मूलतः कोटा के शिवपुरा क्षेत्र की रहने वाली हैं। हनीफ का गत सोमवार को अचानक तबियत बिगड़ने से निधन हो गया। इसकी जानकारी जब कापरेन और कोटा पहुंची तो यहां दोनों परिवारों में हड़कम्प मच गया।


परिजनों को बताया गया कि कागजी कार्यवाही के बाद शव को भारत भेजने में 15 से 20 दिन लगेंगे। ऐसे में परिजनों ने कोटा दक्षिण क्षेत्र के स्थानीय कार्यकर्ता धर्मेन्द्र सिंह हाड़ा के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष गुहार लगाई। बिरला ने अपने कार्यालय को हनीफ का शव भारत लाने के लिए परिजनों की हरसंभव सहायता के निर्देश दिए।

इसके बाद लोकसभा सचिवालय से विदेश मंत्रालय तथा नाईजीरिया स्थित भारतीय दूतावास से सम्पर्क किया गया। भारतीय दूतावास ने हनीफ के परिवार की मदद की। इधर, सचिवालय से विमान कंपनी से संपर्क कर टिकट 20 जून के करवाए गए ताकि को जल्दी से जल्दी दिल्ली लाया जा सके। हनीफ के परिवार के लिए भी अलग से टिकटों की व्यवस्था की गई ताकि वे शव से पहले भारत पहुंच जाएं।

शव के भारत पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर क्लियरेंस व्यवस्था की भी विशेष व्यवस्था की गई। कोरोना को देखते हुए दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन क्वारंटीन होना आवश्यक है। परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान सरकार से सभी के लिए विशेष अनुमति प्राप्त की गई ताकि वे दिल्ली पहुंचने के तत्काल बाद कापरेन के लिए रवाना हो सकें। इन सब कोशिशें से हनीफ का शव व परिवार सोमवार को कापरेन पहुंच गए। बाद में शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

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