कोरोना संक्रमित दुबई में फंसे कोटा के युवक की बिरला के प्रयासों से हुई घर वापसी
- Rajesh Jain
- Jun 23, 2020
- 2 min read
नई दिल्ली, 23 जून। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोरोना काल में दुबई में फंसा संसदीय क्षेत्र कोटा का एक और युवक सोमवार रात अपने घर पहुंच गया। इस युवक को दुबई में कई बीमारियों ने एक साथ घेर लिया। अकेले होने के कारण वे घर की वापसी की कोई व्यवस्था भी नहीं का पा रहा था। बिरला के निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय ने व्यवस्था की, तब जाकर घर वापसी हो सकी।बूंदी रोड स्थित अलकनंदा काॅलोनी निवासी दीपक जैन हरसौरा पेठावाला विगत डेढ़ वर्ष से दुबई में एक आॅटोमोबाइल कंपनी में कार्यरत थे। गत अप्रेल में उन्हें चर्म रोग की समस्या हुई। वे काफी समय तक उपचार करवाते रहे, लेकिन राहत नहीं मिली। उल्टे तकलीफ काफी बढ़ गई। दीपक की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने उन्हें कोरोना की जांच करवाने को कहा।दीपक ने स्वयं के स्तर पर गत 10 मई को निजी लैब में जांच करवाई तो वे कोरोना पाॅजीटिव आ गए। यह पता चलते ही दीपक और कोटा में स्थित उनका परिवार सदमे में आ गया। दीपक को तत्काल दुबई के एक अस्पताल में क्वारन्टीन कर दिया गया। यहां उनके पूरे शरीर पर चकत्ते हो गए, उनके हाथ-पांव के सभी जोड़ों में जकड़न आ गई। यहां तक की भोजन कर पाना भी मुश्किल हो गया।
नई दिल्ली, 23 जून। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोरोना काल में दुबई में फंसा संसदीय क्षेत्र कोटा का एक और युवक सोमवार रात अपने घर पहुंच गया। इस युवक को दुबई में कई बीमारियों ने एक साथ घेर लिया। अकेले होने के कारण वे घर की वापसी की कोई व्यवस्था भी नहीं का पा रहा था। बिरला के निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय ने व्यवस्था की, तब जाकर घर वापसी हो सकी। बूंदी रोड स्थित अलकनंदा काॅलोनी निवासी दीपक जैन हरसौरा पेठावाला विगत डेढ़ वर्ष से दुबई में एक आटोमोबाइल कंपनी में कार्यरत थे। गत अप्रेल में उन्हें चर्म रोग की समस्या हुई। वे काफी समय तक उपचार करवाते रहे, लेकिन राहत नहीं मिली। उल्टे तकलीफ काफी बढ़ गई। दीपक की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने उन्हें कोरोना की जांच करवाने को कहा। दीपक ने स्वयं के स्तर पर गत 10 मई को निजी लैब में जांच करवाई तो वे कोरोना पाॅजीटिव आ गए। यह पता चलते ही दीपक और कोटा में स्थित उनका परिवार सदमे में आ गया। दीपक को तत्काल दुबई के एक अस्पताल में क्वारन्टीन कर दिया गया। यहां उनके पूरे शरीर पर चकत्ते हो गए, उनके हाथ-पांव के सभी जोड़ों में जकड़न आ गई। यहां तक की भोजन कर पाना भी मुश्किल हो गया। परिवार ने ऐसे में सर्राफा बोर्ड के आनंद राठी के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सम्पर्क कर मदद मांगी। बिरला ने तत्काल अपने कार्यालय को दीपक तक हरसंभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। इस बीच 14 मई को दीपक की पहली और 19 मई को दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ गई और 21 मई के बाद स्थिति में कुछ सुधार होने लगा। ऐसे में डाॅक्टरों ने क्वरान्टीन अवधि पूरी होने के बाद 26 मई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। बाहर आने के कुछ दिन बाद फिर दीपक की तबीयत बिगड़ गई।परिवार से इसकी जानकारी मिलने के बाद बिरला ने दीपक की वापसी के प्रयास और तेज करने के निर्देश दिए। लोकसभा सचिवालय ने वंदे भारत योजना के तहत दुबई से 13 जून को दिल्ली आने वाली पहली फ्लाइट में दीपक की टिकट की व्यवस्था कर दी। दिल्ली पहुंचने के बाद दीपक जयपुर में सात दिन होटल मंें क्वारान्टीन रहे और सोमवार रात कोटा आ गए। यहां भी वह 7 दिन क्वारन्टीन रहेंगे। इस बीच उनका उपचार भी प्रारंभ कर दिया गया है।
परिवार की नींद उड़ गई थी।
दीपक के पिता सागरमल जैन ने बताया कि विदेश में अकेले रह रहे बेटे को कोरोना होने तथा अन्य बीमारियों के घेर लेने की सूचना से सब की नींद उड़ गई थी। दीपक की पत्नी दीपिका और बेटी पहल को भी संभालना मुश्किल हो रहा था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से ही दीपक सुरक्षित घर पहुंच सका। उन्होंने बेटे की सुरक्षित घर वापसी के लिए लोकसभा अध्यक्ष और लोकसभा सचिवालय का आभार जताया।























































































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