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एक लाख श्रमिकों का सहारा बनी मनरेगा


कोटा 13 जून। कोरोना लॉक-डाउन के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा रोजगार का बड़ा सहारा बनकर लोगों को घर बैठे लाभ प्रदान कर रही है। जिले में शनिवार को 1 लाख से अधिक श्रमिकों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार प्रदान किया गया है।

जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक ओम कसेरा ने बताया कि 13 जून शनिवार को ज़िले में एक लाख 86 श्रमिकों को मननरेगा योजना के तहत रोज़गार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज़्यादा वर्तमान में कृषि क्षेत्र में कामकाज का अभाव है। ऐसे में नरेगा योजना लोगों के जीविकोपार्जन का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनी हुई है। जिला परिषद् कोटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक टीकम चन्द बोहरा ने बताया कि पिछले वर्ष 13 जून को ज़िले में 86,078 श्रमिक नरेगा योजना पर कार्यरत थे। विकास अधिकारियों एवं ग्राम पंचायतों के सभी कार्मिकों के लगातार प्रयासों से पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 14, हज़ार अधिक श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। प्रति ग्राम पंचायत नरेगा योजना में लाभान्वित परिवारों की संख्या में कोटा जिला सम्पूर्ण राजस्थान में 20 स्थानों की छलांग लगाकर दसवें स्थान पर आ गया है और सक्रिय जो कार्ड की तुलना में रोज़गार उपलब्ध कराने में कोटा जिला ऊपर चढ़कर 15 वें स्थान पर आ चुका है।

इस योजना के तहत अधिक से अधिक रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की पूरी टीम जुटी हुई है। सम्पूर्ण कोटा ज़िले में नरेगा योजना के तहत 2244 कार्य चल रहे हैं। सुल्तानपुर पंचायत समिति क्षेत्र में 28,140 श्रमिकों को, इटावा पंचायत समिति क्षेत्र में 22,513 श्रमिकों को नरेगा पर लगाया गया है। खैराबाद पंचायत समिति क्षेत्र में 21,765 श्रमिकों को, सांगोद पंचायत समिति क्षेत्र में 21,407 श्रमिकों को और लाडपुरा ब्लॉक में 6261 श्रमिकों को नरेगा योजना के तहत रोज़गार उपलब्ध कराया गया है। अन्य विभागों की भागीदारी बढ़ाकर नरेगा योजना में और अधिक लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा।

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