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कोटा: निर्धारित दर से अधिक दर पर क्रय की गई औषधि प्रकरण में एसीबी की एफआर अस्वीकृत


कोटा, 10 जुलाई। भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय कोटा के न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने एमबीएस अस्पताल कोटा में स्थित राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के औषधि भंडार के द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर क्रय किए गए औषधि/उपकरण व अन्य सामानों के संबंध में वर्ष 2001 में दर्ज 2 प्रकरणों में एसीबी की एफआर को अस्वीकृत कर पुनः अनुसंधान हेतु भेजने के आदेश जारी किए हैं। एसीबी पुलिस अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए हैं।

प्रकरण के अनुसार एमबीएस कोटा स्थित राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के औषधि भंडार द्वारा संचालित लाइफ लाइन फ्लयूड स्टोर एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को निशुल्क वितरण की जाने वाली दवाओं के वितरण स्टोर की स्वतंत्र गवाह व ड्रग इंस्पेक्टर के समक्ष आकस्मिक चेकिंग की गई तो 1 जनवरी 1998 से 31 दिसंबर 1998 तक औषधि/उपकरण व अन्य सामानों के क्रय संबंधी रिकॉर्ड का अवलोकन किया गया तो पाया कि डिस्पोजल सीरीज, एचबीएस,एजी किट, आईवी सेट, ब्लड ग्रुप सिरम टेस्ट, कैनुला,डिस्पोजल निडिल की प्रचलित बाजार दरो व निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान, जयपुर द्वारा जारी उक्त टेस्ट किट उपकरणों की अनुमोदित मूल्य सूची की दरों से अधिक दर पर उक्त उपकरण/सामान क्रय किए गए। जिस पर डॉ एस पी श्रीवास्तव अधीक्षक एमबीएस अस्पताल सहित अन्य मुलजिमानो के विरुद्ध 2001 में प्रकरण दर्ज किया जाकर अनुसंधान प्रारंभ किया गया एवं प्रकरण में चालान पेश करने का निर्णय लिया गया, लेकिन तत समय न्यायालय में आरोप पत्र पेश करने से पूर्व अभियुक्तगण द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय से अग्रिम कार्रवाई पर स्थगन आदेश लेकर आने के कारण प्रकरण में कार्यवाही रुकी रही।

तदोपरांत वर्ष 2017 में उच्च न्यायालय से उक्त रिटे निस्तारित होने के बाद प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा अनुसंधान किया जाकर एफआर अदम वकू को पेश की गई, जिस पर न्यायालय द्वारा सुनवाई करते हुए प्रकरण में अधूरा अनुसंधान माना और प्रकरण को पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा रेंज कोटा को जांच हेतु भेजकर 3 माह में रिपोर्ट तलब की है। उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में दो एफआईआर 168/2001 एवं 169/2001 दर्ज हुई थी जिसमें 168/2001 में तो अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हो चुकी थी और 169/2001 में चलानी निर्णय लिया जा चुका था।

एक प्रकरण डॉ एस पी श्रीवास्तव अधीक्षक एमबीएस अस्पताल कोटा,डॉ आर एस बंजानी, डॉ आर एस शर्मा, अभिनंदन कुमार जैन कनिष्ठ लेखाकार एमबीएस अस्पताल कोटा, अजय सोरल, विजेंद्र कुमार बंसल प्रोपराइटर मेसर्स बंसल मेडिकल स्टोर कोटा, श्रीमती उषा गैरा प्रोपराइटर अन्नपूर्णा एंटरप्राइजेज कोटा, श्रीमती सुमन शर्मा प्रोपराइटर आंचल फार्मा कोटा, दिनेश कुमार शर्मा प्रोपराइटर मेसर्स रोहित मेडिकल एंड सर्जिकल एजेंसी कोटा के विरुद्ध दर्ज किया गया था।

इसी प्रकार दूसरा प्रकरण डॉक्टर एसपी श्रीवास्तव अधीक्षक एमबीएस अस्पताल कोटा एवं सदस्य सचिव राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी, बृजेंद्र कुमार बंसल निवासी 20--सी शॉपिंग सेंटर कोटा, प्रोपराइटर मेसर्स बंसल मेडिकल स्टोर कोटा। श्रीमती उषा गैरा निवासी 3च 31 विज्ञान नगर कोटा,प्रोपराइटर मेसर्स अन्नपूर्णा एंटरप्राइजेज कोटा। सुभाष गैरा निवासी 3च 31 विज्ञाननगर कोटा,प्रोपराइटर मेसर्स भगवती फार्मा कोटा। श्रीमती सुमन शर्मा निवासी 327 शॉपिंग सेंटर कोटा, प्रोपराइटर आंचल फार्मा डिसटीब्यूटर्स शॉपिंग सेंटर कोटा एवं लकी बाटला निवासी ए एच10 दादाबाड़ी कोटा, प्रोपराइटर एम एस सर्जिकल कंपनी के विरुद्ध दर्ज किया गया था।

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