top of page

भारत ने चीन से समस्त साजों सामान सहित सेना हटाने की मांग की


ree

भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) के कुछ जगहों से पीछे गए हैं. हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि चीन के साथ तनाव तब खत्म होगा जब वो अपने साजोसामान समेत पूरे सैनिक को वापस बुला लेगा. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव खत्म करना है तो चीन को ये काम करना होगा. चीन ने भारतीय सीमा के नजदीक आर्टिलरी और टैंक रेजिमेंट्स को तैनात किया हुआ है. आज यानी बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बात भी हो रही है.

सीमा पर हालात सामान्य बनाने के मकसद से 6 जून को दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच हुई ‘सकारात्मक बातचीत’ के आधार पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने कदम उठाने शुरू कर दिए है. शांतिपूर्ण तरीके से सीमा गतिरोध को खत्म करने के इरादे से भारत और चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाके से पीछे हटने का फैसला किया है.

इन तीन जगहों से हटे हैं सैनिक 

गलवान घाटी इलाका-पैट्रोलिंग पॉइंट 14 और 15 से सैनिक पीछे हटे हैं. वहीं हॉट स्प्रिंग्‍स-पैट्रोलिंग पॉइंट 17 से दोनों देशों के सैनिक ढाई किलोमीटर पीछे हटे हैं.

न्‍यूज एजेंसी ANI ने सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 'पूर्व लद्दाख सेक्‍टर में डिसएंगेजमेंट शुरू हो गया है मगर हम चाहते हैं कि LAC सटे इलाकों में चीन ने जो एक डिविजिन से भी ज्‍यादा (10,000+) सैनिक तैनात कर रखे हैं, उन्‍हें हटाया जाए. डिसएंगेजमेंट ठीक है मगर तनाव तभी दूर होगा जब चीन अपना भारी-भरकम इंतजाम बॉर्डर से हटा ले.'

भारत ने भी लद्दाख में 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं

सूत्रों ने कहा कि चीन के जवाब भारत ने भी लद्दाख सेक्‍टर में 10 हजार से ज्‍यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का जवाब दिया जा सके.

पेंगॉन्ग सो में हिंसक झड़प के बाद 5 मई से ही भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है. पेंगॉन्ग सो झील के पास फिंगर इलाके में भारत द्वारा महत्वपूर्ण सड़क बनाने पर चीन ने कड़ा ऐतराज किया था. इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क पर भी चीन ने आपत्ति जतायी थी. इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं .

6 जून को सैन्य स्तर पर पहली बैठक हुई


छह जून को सैन्य स्तरीय वार्ता के दौरान भारत और चीन 2018 में वुहान शिखर बैठक में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर फैसला करने पर सहमत हुए थे. 6 जून को लेह की 14 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बती सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन के बीच समग्र बैठक हुई थी.

पेंगोंग शो झील के उत्‍तरी किनारे पर फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक के इलाके में चीनी सेना अब भी मौजूद है.

भारत के अनुसार चीन की सीमा फिंगर 8 पर खत्‍म हो जाती है

चीन अपनी सीमा फिंगर 4 तक मानता है जबकि भारत के मुताबिक, चीन की सीमा फिंगर 8 पर खत्‍म हो जाती है. दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत जारी है. इस पॉइंट पर क्‍या फैसला होता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

इधर, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों तरफ कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हाल में चीन और भारत के बीच कूटनीतिक और सैन्य माध्यम से सीमा पर स्थिति के बारे में प्रभावी बातचीत हुई और सकारात्मक सहमति बनी.’

सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों देश आपस में बनी सहमति के आधार पर कदम उठा रहे हैं

प्रवक्ता ने कहा कि सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों देश आपस में बनी सहमति के आधार पर कदम उठा रहे हैं. नयी दिल्ली में सैन्य सूत्रों ने कहा है कि दोनों सेनाएं गलवान घाटी में गश्त प्वाइंट 14 और 15 के आसपास तथा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र से हट रही हैं. साथ ही कहा गया है कि चीनी सेना दोनों क्षेत्र में 1.5 किलोमीटर तक पीछे हट गयी है.

Comments


  • WhatsApp-icon
  • Wix Facebook page
  • Wix Twitter page
  • Wix Google+ page
Copyright Information
© copyrights reserved to "dainik desh ki dharti"
bottom of page