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चीन के दावे को भारत ने ठुकराया, चीन को दी चेतावनी


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भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच चीन ने गलवान घाटी पर अपना दावा ठोका है। हालांकि, भारत सरकार ने भी बिना देर करते हुए चीन को चेतावनी दे दी है। केंद्र ने बयान जारी कर कहा है कि वह चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को बदलने की एकतरफा कोशिश को सफल नहीं होने देगा। इस बीच सेना के सूत्रों ने बताया है कि चीन-भारत के बीच बॉर्डर पर जारी तनातनी के बावजूद पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है। यह पुल सेना के पैट्रोलंग पॉइंट के रास्ते में नहीं है।

इससे पहले, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया हैदराबाद में एयरफोर्स एकेडमी की कंबाइंड ग्रैजुएशन परेड देखने पहुंचे। यहां उन्होंने चीन के साथ 15 जून को सीमा पर मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने और उनके बहादुर सैनिकों ने गलवान घाटी में एलएसी की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हम इस चुनौतीपूर्ण हालात में भारत की स्वायत्ता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।बता दें कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स समेत कई स्वतंत्र सैटेलाइट एजेंसियां भी एलएसी की लगातार फोटो जारी कर रही हैं। इनमें साफ है कि चीन लगातार सीमा पर गोला-बारूद इकट्ठा कर रहा है। वहीं पैंगोंग सो में तो हालात और नाजुक हैं। दरअसल, पैंगोंग लेक के बगल में स्थित फिंगर इलाकों पर भारत और चीन के बीच विवाद है। भारत इस जगह फिंगर-8 तक अपना हिस्सा मानता है और इसके आगे एलएसी होने की बात करता है, जबकि चीन फिंगर-2 तक ही भारत का क्षेत्र बताता है। इस इलाके में फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके को दोनों ही देशों की तरफ से 'ग्रे जोन' घोषित किया गया।


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