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लॉकडाउन से गरीबों की परेशानियां बढ़ रही हैं


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नई दिल्ली. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन से गरीबों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। उन्होेंने कहा कि जमीनी हालात बहुत बदतर हैं। एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि भुखमरी रोकने के लिए उन्हें तुरंत दखल देना चाहिए।

एंटनी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक से एक दिन पहले आया। मोदी सोमवार को 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से जुड़ेंगे। इस दौरान लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों जैसे मुद्दों पर चर्चा भी होगी।

"प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर भी ध्यान दें पीएम" एंटनी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा- हालात बहुत मुश्किल हैं। प्रधानमंत्री को तुरंत दखल देना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो भूख के चलते मौतें होने लगेंगी। प्रवासी मजदूरों की समस्याएं दूर करने पर भी मोदी को ध्यान देना चाहिए। वे समाज का गरीब और कमजोर तबका हैं और उन्हें खाना, पैसा जैसे राहत पैकेज देने चाहिए।

"वक्त रहते कदम नहीं उठाए तो देर हो जाएगी" उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं। अगर वक्त रहते कदम नहीं उठाए गए और इंडस्ट्री की मदद नहीं की गई तो बहुत देर हो जाएगी। देश में पूरी तरह आर्थिक समस्या पैदा हो जाएगी। एंटनी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को गरीबों के बारे में लिखकर भी चिंता जाहिर की थी।

उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया था कि अगर वक्त रहते कदम नहीं उठाया गया तो कोरोनावायरस के चलते होने वाली मौतों से ज्यादा मौतें भूख के चलते होंगी। इसे हर कीमत पर टालना चाहिए। अगर वायरस की पड़ताल नहीं की गई तो यह स्वास्थ्य सेवाओं को भी चरमरा देगा, पूरी दुनिया में यही देखा गया है। मैंने पहले भी लॉकडाउन का समर्थन किया था। लेकिन, यह ऐसा मुश्किल वक्त है, जब सरकार को जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करनी चाहिए।

राहुल ने कहा था- लॉकडाउन खोलने की रणनीति बनाएं इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि हमें लॉकडाउन खोलने की स्ट्रैटजी बनानी चाहिए। लॉकडाउन कोई ऑन-ऑफ स्विच नहीं बल्कि एक ट्रांजिशन (परिवर्तन का समय) है। इसके लिए केंद्र, राज्य और जनता का एक-दूसरे को सहयोग करना जरूरी है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को डी-सेंट्रलाइज करने की जरूरत है। अगर सारे फैसले प्रधानमंत्री कार्यालय से ही होते रहे तो संकट खड़ा हो जाएगा।

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