हम चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं मोदी का चीन को संदेश
- Desh Ki Dharti

- Jul 3, 2020
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचकर सेना के अफसरों और जवानों से मुलाकात की। यहां नीमू में जवानों से मुलाकात के बाद मोदी ने लद्दाख को भारत का अहम हिस्सा बताते हुए कहा, "लद्दाख का यह पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है। भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है। यह राष्ट्रभक्तों की धरती है। दुनिया में किसी से भी कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा करते हैं। उसकी सेवा करते हैं। उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं।" पीएम ने इशारों में चीन के उकसावे पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बांसुरीधारक कृष्ण की पूजा करते हैं, तो चक्रधारी कृष्ण की भी पूजा करते हैं।

उन्होंने इस दौरान कहा कि गलवान घाटी हमारी है. हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के बाद कहा था कि गलवान घाटी चीन के नियंत्रण में है.
मोदी ने चीन की नीति पर कहा, "विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। यह विकासवाद का युग है और इसी के लिए अब अवसर हैं। विकासवाद ही भविष्य का आधार है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद जब किसी पर सवार हो गया, तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं। विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर फिर से पूरे विश्व में विस्तारवाद के खिलाफ मन बना है।"
पीएम ने आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है। जिसको रोज आप अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द खड़ी हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जितनी अटल है। आज आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं। साक्षात इसे अपनी आंखों से देख रहा हूं।
जब देश की रक्षा आपके हाथों में है आपेक मजबूत इरादों में हैं, तो एक अटूट विश्वास है। सिर्फ मुझे नहीं, पूरे देश को एक अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है। आप जब सरहद पर डटे हैं तो प्रत्येक देशवासी को दिन-रात काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आपके साहस के कारण और मजबूत होता है। आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखाई है। उसने पूरी दुनिया में यह संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। मैं मेरे सामने महिला टुकड़ियों को भी देख रहा हूं। युद्ध के मैदान पर, सीमा पर यह दृश्य हिम्मत देता है।
पीएम बोले- "आज मैं अपनी वाणी से आपका अभिनंदन करता हूं। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए अपने 20 जवानों को पुनः श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इसमें देश के हर कोने के वीर अपना शौर्य दिखाते हैं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से पूरी धरती उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का सिर आपके सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता से फूली हुई है। साथियों सिंधु के आशीर्वाद से यह धरती पुण्य हुई है। वीरों की गाथाओं को यह धरती अपने आप में समेटे हुए हैं।"
पीएम ने कहा, "वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है। भारत आज जल-थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है। भारत आज आधुनिक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण कर रहा है। दुनिया की आधुनिक तकनीक भारतीय सेना के लिए ला रहे हैं तो इसके पीछे की भावना भी यही है। विश्व युद्ध को अगर हम याद करें या शांति की बात जब भी जरूरत पड़ी है, विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति में उनके पराक्रमों को महसूस भी किया है।"























































































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