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अब मृत्युभोज पर सख्त रवैया अपनाएगी सरकार


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जयपुर, 07 जुलाई । कोरोनाकाल में राजस्थान में तेजी से बढ़ रहे नए संक्रमितों के मद्देनजर राज्य सरकार अब मृत्युभोज सरीखी परंपराओं पर सख्त रवैया अपनाएगी। मृत्युभोज के आयोजनों में जुटने वाली भीड़ को संक्रमण से बचाने के लिए राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 की पालना कराने के लिए पुलिस विभाग के महानिदेशक (अपराध) कार्यालय की ओर से सभी पुलिस अधीक्षकों को रिमांडर भेजा गया हैं।

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पुलिस मुख्यालय की ओर से अपराध शाखा के उप महानिरीक्षक किशन सहाय ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों और जयपुर तथा जोधपुर के सभी उपायुक्तों को राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 के प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। रिमांइडर में कहा गया है कि राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अनुसार मृत्युभोज की सूचना न्यायालय को देने का दायित्व पंच, पटवारी और सरपंच को दिया गया है। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान भी किया गया है।


राजस्थान खासकर, पश्चिमी राजस्थान में मृत्युभोज एक कुप्रथा है। इसे रोकने के लिए अधिनियम भी काफी पहले से बना हुआ है, लेकिन उसकी सख्ती से पालना नहीं करने और कई समाज में पुराने समय से चली आ रही प्रथा के कारण मृत्युभोज एक परंपरा बन गई है। गांवों से लेकर शहरों तक पढ़े-लिखे तबके में भी मृत्युभोज का आयोजन आज भी किया जाता है। कई समाज में हालांकि, मृत्युभोज के प्रति जागरुकता आई हैं, लेकिन निचले तबके के लोग आज भी जागरुकता की कमी के कारण मृत्युभोज में बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र कर रहे हैं। कोरोनाकाल में अभी संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार इस परंपरा पर सख्ती बरतने का मानस बना चुकी है।

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