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हारे के सहारा बना कौन? जिसने कराएं 12 जोड़ों का विवाह


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निवाई,30जून। हर मॉ -बाप का सपना होता हैं उसके बेटे -बेटियांे के हाथ समय पर खुशी खुशी पीले हो, लेकिनं बढती मंहगाई एवं कोविड-19 ने कई मांता पिता के ब्याह करने के सपने काफूर कर दिये । ऐसे में उन माता- पिता का सहारे बने बाबा श्याम के भक्त दिलीप इसरानी । जिन्होने ऐसे परिवारों के एक दर्जन बेटे -बेटियों के हाथ पीले कर।

कोविड -19 के चलते हर ठाले बैठे हाथों के तंग हाली में जीवन बसर कर रहे लोगों के लिए येन केन जुगाड चलाना भी दुश्वार हो चुका था । ऐसे में माता पिताओ को अपने बेटे-बेटियों की शादी की चिंता सताने लगी । क्योंकि कोविड -19 के चलते सभी शादियों के सावे लॉक डाउन ने बेकार कर दिये अब एक साल बाद सावो का मुहुर्त था।

ऐसे में श्याम धर्माथ सेवा संस्थान के तत्वावधान में सर्वधर्म सामुहिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। दिलीप इसरानी की मंशा थी गत वर्ष की भांति इस बार भी बाबा श्याम ऐसी महर करे कि गत बार से अधिक कन्याओं के पीले हाथ करवाउ । बाबा श्याम ने मैरी पुकार सुनी और फिर मोैका दिया इस बार गत वर्ष के मुकाबले 2 अधिक कन्याओं के पीले हाथ करने का मौका दिया।

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सर्वधर्म सामुहिक विवाह सम्मेलन में कुल एक दर्जन युवक -युवतियांे में से 8 विभिन्न जाति के 8 युवक -युवतियां दामपत्य सूत्र में बंधे वही 4 मुस्लिम युवक -युवतियांे का निकाह करवाया जाकर हम सफर बनाया गया। जहां एक और 29 जून को मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार निकाह करवाया गया वही सोमवार को 8 हिन्दू जोडों को वैदिक मंत्रौच्चार के साथ अग्नि को साक्षी मानते हुए शादी की रस्म पूरी करवाई गई। जिन्हे दिलीप इसरानी एवं उनकी मांता श्रीमती देवी इसरानी एवं धर्म पत्नी श्रीमती हिना इसरानी से सभी आयोजन स्थल पर पहुंच कर वर वधुओं को सोभाग्यती होने का आर्शिवाद दिया ।

जब दिलीप इसरानी की मां से इस आयोजन के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि मेैरे बेटा जैसा बेटा भगवान सभी को दे। मैरे बेटे ने हमें निहाल कर दिया जो हमेशा दीन दुखियों को गले लगाता हैं उनकी जो भी बन पडे मदद करता है। ऐसे बेटे पर भला कौन नाज़ नही करेगा । मै अपने बेटे के ऐसे पुनीत कार्य पर कुर्बान हूं । ऐसे पुण्य के काम करता रहे। दिलीप इसरानी ने कहा कि मै तो कन्यादान को महादान मानता हूं । यह मै नही करवाता यह बाबा श्याम ही करवा रहे हैं। वो यह कहते हैं कि देने वाला श्री भगवान ,पाने वाला श्री भगवान !

उक्त सामुहिक विवाह सम्मेलन दो सगी बहिने ऐसी भी कि जिनके पिता महेन्द्र कुमार महावर जो कि वर्तमान में कैंसर रोग से ग्रसित हैं तथा अब उन्हे खुद को जीने का सहारा दिखाई नही देता था । उन्हे पहले मलाल था कि मैरे जीवन का पता नही कब अंत हो जाए । ऐसे में उन्हे निवाई में होने वाले सर्वधर्म विवाह सम्मेलन की जानकारी मिली । उन्होने अपने रिश्तेदार से कहा कि इस सम्मेलन में ही मैरी देोनो बेटियों की शादी करदे । रिश्तेदार ने दिलीप के इस भागीरथ प्रयास का लाभ उठाया और शादी की हां कर दी । जहां सभी एक दर्जन वर वधु निःशुल्क दामपत्य संूत्र में बंधे । शादी में एक परिवार को अपना घर चलाने का वो सभी सामान दहेज में भी दिया वही शहर के लोगों ने भी अपने सामर्थ्य के अनुसार कन्या दान देकर पुण्य कमाया ।

श्याम धर्माथ सेवा संस्थान के तत्वावधान में सर्वधर्म सामुहिक सम्मेलन के दौरान भारत एवं राज्य सरकार की एडवाजरी का पूरा पूरा पालन भी किया गया । जहां सामुहिक शादी समारोह में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सेनेटाईजर करवाया गया तथा स्केनिंग भी किया गया । इसके बाद ही विवाह स्थल पर प्रवेश दिया गया । एडवाईजरी के चलते सिंधी धर्मशाला एवं श्याम मंदिर के सभागृह में शादी समारोह आयोजित किया गया। समारोह में पूज्य सिंधी समाज के उपाध्यक्ष एवं नगर पालिका के पतिपक्ष के नेता राजकुमार करणाणी, जयराम दास कीर्तानी,किशनचंद करनाणी, हेमनदास फुलवानी,रामचंद्र कृपलानी, भोजू मामा ,केवलराम सोनी, संजय पारीक,नितीन छाबडा,नसीर भाई बाडे वाल,े सुशील आरामशीन,महेश दरगड, ,रवि रामनानी, रवि अग्रवाल, धनश्याम नेभानी ,पार्षद पृथ्वीराज टाटावत,मनीष केसोट,अविनाश नागर, चंचल कुमार रैगर सहित शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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