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कोरोना के दौर में बज रही ऑनलाइन शहनाई


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कोरोना महामारी ने जिंदगी को बदलकर रख दिया है। इसी बदलाव में बदल गई हैं भारतीय शादियां। वही शादियां जिसमें लड़का और लड़की के साथ-साथ घराती, बाराती और न जाने कितने दोस्त शामिल होते थे। सालों, महीनों पहले से तैयारियां होती थीं और फिर हल्दी, मेहंदी की ढेरों रस्मों के बाद आता था वो खास दिन। लेकिन कोरोना काल ने मैरिज हाॅल, मंडप, कैटरिंग के काॅन्सेप्ट को कुछ यूं बदला है कि शादी में सोशल डिस्टेंसिंग और ऑनलाइन वेडिंग जैसी कई नई चीजें जुड़ गई हैं।

वर्चुअल वेडिंग से बन रहे जन्मों-जन्मों के साथी कोरोना के कहर के बीच कई कपल्स वीडियो काॅलिंग एप जूम के जरिए सात जन्मों के बंधन में बंध रहे हैं। बीते महीने दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि जगहों से कई ऐसे जोड़े सुर्खियां बने जिन्होंने वर्चुअल वेडिंग का रास्ता चुना। इस तरह से शादी करने वाले कुछ दूल्हों का कहना था कि दिल तो बैंड-बाजा-बारात लाने का था लेकिन कोरोना में ऑनलाइन शहनाई ही सही। वहीं कुछ ने सादगी से चार लोगों के बीच हो रही इन शादियों के कांसेप्ट को बेहतरीन बताया।

परिवार वाले ही फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर आमतौर पर होने वाली शादियों में 'डि-डे' के अलावा प्री-वेडिंग फोटोशूट, मेहंदी और हल्दी की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाती थी लेकिन कोरोना के दौर में जो शादियां हो रही हैं, उसमें दूल्हा-दुल्हन के भाई-बहन या करीबी रिश्तेदार ही तस्वीरें खींचते या वीडियो बनाते नजर आते हैं। इस दौर ने दोनों ही पक्षों के एक बड़े खर्च को कम किया है और तस्वीरें खिंचने के बाद फोटोग्राफर के साथ बैठकर उनमें से खास तस्वीरों को सिलेक्ट करने के समय को बचाया है।

खुद ही सज रही दुल्हन जिस चेहरे पर दूल्हा और दुल्हन शादी से दो से तीन महीने पहले ही खास ध्यान देने लग जाते थे, दुल्हन खासतौर से प्री ब्राइडल पैकेज लेती थीं। अब कोरोना काल में शादी होने पर बन्ना और बन्नी का वही चेहरा मास्क से ढका नजर आता है। इतना ही नहीं शादी में शामिल होने वाले सीमित रिश्तेदार भी मास्क लगाए हुए दिखते हैं। शादी के लिए दुल्हन किसी पार्लर में नहीं बल्कि अपने सीमित ब्यूटी प्रोडक्ट्स से खुद से या अपनी किसी रिश्तेदार से ही तैयार हो रही हैं।

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