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परकोटे की पीड़ा अब तो खुली सांस लेने दो...


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देश में लॉक डाउन का तीसरा चरण शुरू हो चुका। सरकार अब धीरे-धीरे आम जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में काम कर रही है।

रेड जोन में आने के बावजूद कोटा में भी लोगो को फिर से खुली हवा का अनुभव करने की छूट मिलने लगी है। परंतु शहर का परकोटे के अंदर का क्षेत्र पिंजरे में कैद पंछी की तरह छटपटा रहा है। पिछले एक महीने से चल रहे लगातार कर्फ्यू ने लोगो का जीना मुहाल कर दिया है। परेशान लोग अब प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाने लगे है। लोगो का तर्क है कि, भीमगंजमंडी थाना क्षेत्र में हुसैनी नगर कच्ची बस्ती को छोड़ कर बाकी जगहों से कर्फ्यू हटा लिया गया है। तो परकोटे के अंदर के इलाकों में ऐसा क्यों नही किया जा रहा।

सूरजपोल गेट इलाके में रहने वाले मुल्कराज अरोड़ा का कहना है कि मकबरा,इंद्रा मार्केट आदि क्षेत्रों में काफी दिन पहले संक्रमित व्यक्ति मिले थे,लेकिन पूरे परकोटे क्षेत्र लाडपुरा गेट,किशोरपुरा गेट यहां तक कि सूरजपोल गेट तक कर्फ्यू लगाकर लोगो के साथ एक महीने से अविवेकपूर्ण व पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। जिससे लोगो में खासकर उन गरीबो में(जो रोज कुआं खोदकर रोज पानी पीते हैं )आक्रोश व्याप्त है।वो कहते है कि गत दिनों छावनी व आकाशवाणी कॉलोनी में जब संक्रमित लोग मिले तो कुछ ही मकानों के आस-पास कर्फ्यू लगाया गया।ऐसा क्यों ?

घंटाघर के निकट विजय मार्किट मे रहनेवाले प्रवीण अग्रवाल(जैन) कहते हैं कि यहां अभी तक कोई राहत सामग्री जो सरकार ने भेजी हो हम तक नही पहुची है।हम लोगो को तो पैसे देने के बावजूद कोई सुविधा नही है।लोग बुरी तरह परेशान है।

पाटनपोल निवासी अनवर हसन कहते है कि उनके दो छोटी बेटियाँ है।जब से कर्फ्यू लगा है तब से बच्चियों को पीने के लिए दूध तक मिलना मुश्किल हो गया है। पुलिस दूधवाले को भी नही आने देती।

परकोटे के श्रीपुरा क्षेत्र में मेरे मित्र ख्यातनाम शायर कुंवर जावेद रहते है। जब उनसे मेरी चर्चा हुई तो वो भी परेशान नज़र आये। बोले इतने लंबे कर्फ्यू के कारण लोग असहाय महसूस कर रहे है।दैनिक उपयोग की जरूरी चीज़े भी नही मिल रही है।

कुल मिलाकर इतना लंबा कर्फ्यू लोगो की जान पर बन आया है।जिला प्रशासन को भीमगंजमंडी थाना क्षेत्र की तरह परकोटे में रह रहे लोगो को कर्फ्यू से मुक्ति देनी चाहिए।

*प्रताप सिंह तोमर

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