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प्रधानमंत्री के बयान पर पीएमओ की सफाई


भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। अब तक कई सैटेलाइट तस्वीरों और रिपोर्ट्स में सामने आ चुका है कि चीन ने एलएसी पर भारत के खिलाफ स्थिति मजबूत करने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि, एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया। इसमें पीएम ने कहा था कि हमारी सीमा में किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है और न ही हमारे पोस्ट किसी के कब्जे में हैं।

अब प्रधानमंत्री कार्यालय को इस पर सफाई देनी पड़ी है। पीएमओ ने कहा है कि इस वक्त कई जगहों पर पीएम के सर्वदलीय बैठक में दिए गए बयान को तोड़-मरोड़ कर दिखाने की कोशिश हो रही है। जबकि पीएम ने यह बयान कि 'हमारी जमीन पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है' यह 15 जून को गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुए टकराव पर केंद्रित था। पीएम ने कहा था कि हमारी तरफ एलएसी पर जवानों की बहादुरी की वजह से कोई कब्जा नहीं है। हमारे जवानों ने सर्वोच्च बलिदान देकर अपनी जमीन की रक्षा की है।

पीएमओ ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने अपने बयान में साफ कर दिया था कि भारत एलएसी में घुसपैठ की किसी भी कोशिश पर प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने खासतौर पर पहले के समय सीमा पर मिलने वाली चुनौतियों के नजरअंदाज किए जाने का मसला भी उठाया था और कहा था कि पहले के मुकाबले अब भारतीय सेना ज्यादा मजबूती से एलएसी पर किसी भी घुसपैठ का जवाब देती हैं।"

क्यों उठा पीएम के बयान पर विवाद?

दरअसल, सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के विपक्षी नेताओं से बातचीत के बाद कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि अगर चीनी हमारी सीमा में नहीं घुसे, तो भारतीय सेना के 20 जवान किसके साथ मुठभेड़ में शामिल हुए। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रामकता के खिलाफ सरेंडर कर दिया। राहुल ने ट्वीट के जरिए पूछा था कि क्या आखिर हमारे जवान क्यों मारे गए? और उनकी शहादत कहां पर हुई?

बता दें कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स समेत कई स्वतंत्र सैटेलाइट एजेंसियां भी एलएसी की लगातार फोटो जारी कर रही हैं। इनमें साफ है कि चीन लगातार सीमा पर गोला-बारूद इकट्ठा कर रहा है। वहीं पैंगोंग सो में तो हालात और नाजुक हैं। दरअसल, पैंगोंग लेक के बगल में स्थित फिंगर इलाकों पर भारत और चीन के बीच विवाद है। भारत इस जगह फिंगर-8 तक अपना हिस्सा मानता है और इसके आगे एलएसी होने की बात करता है, जबकि चीन फिंगर-2 तक ही भारत का क्षेत्र बताता है। इस इलाके में फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके को दोनों ही देशों की तरफ से 'ग्रे जोन' घोषित किया गया था।

हालांकि, ताजा रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीनी सेनाओं ने पैंगोंग लेक से लगे फिंगर 4 तक के इलाके पर कब्जा कर लिया है। यानी भारतीय सैनिक 8 पहाड़ी के इस रास्ते पर सिर्फ चौथी पहाड़ी तक ही सफर कर पा रहे हैं। इसके आगे के पूरे इलाके पर चीन ने निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए हैं। ऐसे में पीएम का यह बयान कि 'हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं हुई है', पर विवाद छिड़ गया। एक विश्लेषक ने पूछा है कि क्या मोदीजी ने चीन को पैंगोंग सो का विवादित स्थल गिफ्ट में दे दिया।


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