बाबा रामदेव पर राजस्थान सरकार हुई सख्त
- anwar hassan

- Jun 25, 2020
- 2 min read

जयपुर, 24 जून (हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा आयुष मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा ड्रग्स एण्ड कोस्मेटिक एक्ट 1940 एवं 1945 के तहत 21 अप्रैल को जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोरोना महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधी का विक्रय नहीं किया जा सकता। कोरोना के उपचार की दवा के रूप में किसी भी औषधी का विक्रय पाये जाने पर विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जायेगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के उपचार में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केन्द्रीय आयुष मंत्रालय एवं आईसीएमआर की गाईड लाईन्स की अनुपालना सुनिष्चित की जा रही है। उन्होने बाबा रामदेव द्वारा कोरोना के उपचार की दवा के दावे के संबंध स्पष्ट किया कि आयुर्वेदिक औषधियां इम्युनिटी बूस्टर के रूप में उपयोगी हो सकती है लेकिन दवा के रूप में यह दावा बिना आयुष मंत्रालय की अनुमति के स्वीकार नही किया जा सकता। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि इस दवा के संबंध में न तो किसी ने राज्य सरकार को आवेदन किया और न ही राज्य सरकार ने इस बारे में कोई अनुमति दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के अनुमति के बिना ह्युमन ट्रायल भी नहीं किया जा सकता। बिना अनुमति के क्लिनिकल ट्रायल करके आम जन को गुमराह करने वाले के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी संगठन को अनुसंधान करते समय साइन्टिफिक एडवाईजरी बॉडीज एवं इस्टीट्यूषनल एथिक्स कमेटी द्वारा अनुमोदित होना चाहिए। क्लिनिकल ट्रायल परियोजना सीटीआरआई द्वारा पंजीकृत होने के साथ ही उनका सैम्पल साइज भी पर्याप्त हो, क्लिनिकल ट्रायल आयुष अथवा आईसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुसार हो तथा बायो मेडिकल एवं हैल्थ रिसर्च के नियमों की अनुपालना के साथ हो। आईसीएमआर द्वारा प्रकाशित नेशनल एथिकल गाईडलाईन्स के अनुसार मानव भागीदारी हो तथा इसमें पंजीकृत आयुष चिकित्सकों की सहभागिता के साथ ही अन्य सभी दिशा निर्देशों की पालना किया जाना आवश्यक है।























































































Comments