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सरकार चाहे तो बीच के प्रमुख स्टेशनों पर भी श्रमिक उतार सकेंगीं स्पेशल ट्रेनें


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जयपुर, 16 मई (हि.स.)। देश में राज्य सरकारों की मांग पर चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल टे्रनों में एक पाइंट से दूसरे पाइंट के बीच प्रमुख स्टेशनों पर भी श्रमिक उतारे या चढ़ाए जा सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकारों को रेलवे को बताना होगा कि उन्हें इन ट्रेनों का ठहराव किन-किन स्टेशनों पर चाहिए। हाल ही में कुछ स्टेशनों पर चलती ट्रेनों की चैन खींचकर उनसे बड़ी संख्या में श्रमिकों के उतरने के बाद रेलवे इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर केन्द्र सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों व प्रवासियों के लिए रेलवे राज्य सरकारों की मांग पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। इन ट्रेनों को शुरू करते समय कहा गया था कि एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट के स्टेशनों के बीच चलेगी। बीच के रास्ते में केवल रेलवे की जरूरत के हिसाब से ही इन ट्रेनों को रोका जाएगा। यात्रियों को यहां न चढऩे की और न उतरने की इजाजत होगी।  हाल ही में सूरत से जोधपुर आ रही ट्रेन को पाली में रोका गया था तथा हुबली से जोधपुर आ रही ट्रेन को फालना, मारवाड़ जंक्शन स्टेशनों पर रोका गया था। आंध्रप्रदेश के रायनापाड़ा से जयपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में विजयवाड़ा से जोधपुर-पाली तक आने वाले यात्रियों को जयपुर तक के टिकट दे दिए गए। जबकि, पाली के 50 यात्री चैन पुलिंग कर पाली में ही उतर गए। दूसरी ओर 30 श्रमिक गोटन में ठहराव नहीं होने के बावजूद ट्रेन रुकने पर उतर गए। जबकि, इस ट्रेन का जोधपुर में ठहराव होने के बावजूद इन यात्रियों को जोधपुर नहीं उतरने दिया गया था। असल में, आंध्र प्रदेश प्रशासन ने यात्रियों को जोधपुर की बजाय जयपुर के टिकट दे दिए थे। इसलिए इन्हें जयपुर ही उतारा जाना था। उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी रामावतार शर्मा का कहना है कि अभी इस संबंध में राज्य सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिए हैं। चूंकि, ये ट्रेनें राज्य सरकार की मांग पर चलाई जा रही है और राज्य सरकार यदि लिखित में बीच के किसी स्टेशन पर ठहराव चाहती है तो रेलवे संबंधित ट्रेन का उक्त स्थान पर ठहराव दे सकती है। अभी ये ट्रेनें रवानगी से गंतव्य तक ही संचालित हो रही है।

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